इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार के गोपालगंज जिले में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पांच दिवसीय ‘दिव्य दरबार’ का आगाज आज से हो गया। रामनगर स्थित श्रीराम जानकी मठ में 6 मार्च से 10 मार्च तक यह धार्मिक आयोजन चलेगा, जिसमें लाखों श्रद्धालुओं के जुटने की संभावना है।
श्रद्धालुओं में जबरदस्त उत्साह
बाबा बागेश्वर के कार्यक्रम को लेकर बिहार के कोने-कोने से लोग गोपालगंज पहुंच रहे हैं। हनुमान कथा, प्रवचन और आस्था से जुड़े ‘चमत्कारी’ समाधान के दावे इस दरबार का मुख्य आकर्षण हैं। आयोजकों के मुताबिक, करीब 20 लाख भक्त इस दौरान दरबार में शामिल हो सकते हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
इतनी बड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। आयोजन स्थल पर 2200 से अधिक पुलिसकर्मी, 300 मजिस्ट्रेट और दंडाधिकारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, यातायात व्यवस्था, अस्थायी चिकित्सा कैंप और आपातकालीन सेवाओं के इंतजाम भी किए गए हैं।
विरोध के सुर भी तेज
बाबा बागेश्वर के इस धार्मिक आयोजन को लेकर विरोध के स्वर भी उठने लगे हैं। कई सामाजिक संगठनों और तर्कवादी विचारकों ने इसे अंधविश्वास फैलाने वाला बताते हुए विरोध दर्ज कराया है। उनका कहना है कि ‘दिव्य दरबार’ के नाम पर चमत्कारी समाधान का दावा वैज्ञानिक सोच को कमजोर करता है।
राजनीतिक हलकों में भी हलचल
इस आयोजन को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कुछ विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे ‘धार्मिक ध्रुवीकरण’ का प्रयास करार दिया है। वहीं, बाबा बागेश्वर के समर्थकों का कहना है कि यह एक धार्मिक आयोजन है, जिसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।
बिहार में बाबा बागेश्वर का ‘दिव्य दरबार’ श्रद्धा और विवाद, दोनों के बीच सुर्खियों में बना हुआ है।लाखों श्रद्धालुओं की आस्था जहां इस कार्यक्रम को भव्य बना रही है, वहीं तर्कशील समूहों और राजनीतिक दलों के विरोध से यह आयोजन चर्चाओं में आ गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह ‘दिव्य दरबार’ बिहार की धार्मिक और राजनीतिक फिजा को किस तरह प्रभावित करता है।