इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
पश्चिम बंगाल में 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले, विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने एक विवादास्पद बयान देकर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा सत्ता में आती है, तो वह तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के मुस्लिम विधायकों को विधानसभा से बाहर निकाल देगी। यह बयान भाजपा की हल्दिया विधायक तपसी मोंडल के टीएमसी में शामिल होने के एक दिन बाद आया है।
सुवेंदु अधिकारी का बयान
मंगलवार को एक सभा में सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “हम विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराएंगे। भाजपा के सत्ता में आने के बाद, हम उनकी पार्टी के मुस्लिम विधायकों को उठाकर 10 महीने के भीतर सदन से बाहर फेंक देंगे।”
टीएमसी की प्रतिक्रिया
टीएमसी ने अधिकारी के इस बयान की कड़ी आलोचना की है, इसे “घृणास्पद भाषण” करार देते हुए उनकी “मानसिक स्थिरता” पर सवाल उठाए हैं। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “यह खतरनाक, उकसाने वाला और विकृत है। एक विशेष समुदाय के विधायकों को निशाना बनाना संविधान के खिलाफ और एक आपराधिक कृत्य है।”
राजनीतिक तनाव में वृद्धि
यह घटना राज्य में बढ़ते राजनीतिक तनाव को दर्शाती है, जहां भाजपा और टीएमसी के बीच तीखी प्रतिस्पर्धा जारी है। विशेष रूप से, अधिकारी के बयान ने राज्य की राजनीति में सांप्रदायिकता के मुद्दे को फिर से उजागर किया है, जिससे आगामी चुनावों में राजनीतिक दलों के बीच संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो सकते हैं।
सुवेंदु अधिकारी के इस विवादास्पद बयान ने पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगामी चुनावों में यह बयान और इसके प्रति प्रतिक्रियाएं राज्य की राजनीतिक दिशा को कैसे प्रभावित करती हैं।