इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
कर्नाटक राज्य में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर बढ़ते अतिक्रमण के मामलों के बीच, राज्य सरकार ने इस गंभीर मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है। आवास, वक्फ, और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बी. ज़ेड. जमीर अहमद खान ने हाल ही में खुलासा किया कि राज्य के विभिन्न जिलों में वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण के 4,108 मामले दर्ज किए गए हैं, जिन पर कानूनी कार्रवाई जारी है।
विधानसभा में उठा मुद्दा
पिछले वर्ष दिसंबर में कर्नाटक विधानसभा में वक्फ भूमि अतिक्रमण का मुद्दा गरमाया था। सरकार के अनुसार, अतिक्रमण नोटिस पाने वाले 81% किसान मुस्लिम समुदाय से हैं, जबकि 2,080 किसान हिंदू समुदाय से संबंधित हैं। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस संदर्भ में एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित करने की घोषणा की थी, जो यह आकलन करेगी कि मंदिर और किसानों की ओर से खेती की जाने वाली भूमि वक्फ संपत्ति में शामिल है या नहीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड किसानों की ओर से खेती की जा रही किसी भी भूमि या मंदिर पर दावा नहीं करेगा, और किसानों और मंदिरों को भेजे गए नोटिस वापस लिए जाएंगे।
केंद्रीय स्तर पर भी चिंता
नवंबर 2024 में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में जानकारी दी थी कि भारतीय वक्फ संपत्ति प्रबंधन प्रणाली (WAMSI) पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में 58,929 वक्फ संपत्तियां अतिक्रमण की चपेट में हैं, जिनमें से 869 वक्फ संपत्तियां कर्नाटक में स्थित हैं।
विपक्ष का आरोप और सरकार की प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने सरकार पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण के मामलों में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है। भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया कि उत्तरी कर्नाटक के विजयपुरा जिले की हजारों एकड़ खेती की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा किया है। हालांकि, वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान ने स्पष्ट किया कि ये अदालतें वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण जैसी शिकायतों को हल करने के लिए आयोजित की गई थीं, और किसानों की भूमि पर वक्फ का दावा नहीं किया जाएगा।
आगे की कार्रवाई
राज्य सरकार ने वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण के मामलों की जांच के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह भी निर्देश दिया है कि किसानों और मंदिरों को भेजे गए किसी भी नोटिस को वापस लिया जाए, ताकि किसी भी समुदाय के हितों को नुकसान न पहुंचे। सरकार का उद्देश्य है कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, साथ ही किसानों और धार्मिक संस्थानों के अधिकारों का भी संरक्षण हो।