इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
आज़ाद समाज पार्टी के राज्य अध्यक्ष जौहर आज़ाद ने इमारते शरीया बिहार, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के केंद्र पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि इमारते शरिया एक सम्मानित धार्मिक और सामाजिक संस्था है, जिसे कमजोर करने और विभाजित करने का कोई भी प्रयास अस्वीकार्य है। यह हमला सिर्फ इमारते शरिया पर नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और अल्पसंख्यक संस्थानों की गरिमा पर भी हमला है।
जौहर आज़ाद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी लोगों के नेतृत्व में इमारते शरीया पर किया गया यह आक्रमण वास्तव में एक राजनीतिक साजिश के तहत किया गया है, ताकि इस महत्वपूर्ण संस्था पर अवैध तरीके से नियंत्रण स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इमारते शरीया के आंतरिक मामलों में राजनीतिक हस्तक्षेप अस्वीकार्य है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अमीरे शरीयत को पद से हटाने का एक फर्जी पत्र जारी करना और झूठे दावे फैलाना इस बात का प्रमाण है कि कुछ असामाजिक तत्व इमारते शरीया को विभाजित करने के लिए अनैतिक हथकंडे अपना रहे हैं। यही वे लोग हैं जो वक्फ बिल के खिलाफ इमारते शरीया और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सफल विरोध से परेशान हो गए थे।
जौहर आज़ाद ने बिहार सरकार से मांग की कि इस हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए और इमारते शरीया की गरिमा को बरकरार रखा जाए। उन्होंने बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की जनता से अपील की कि वे इमारते शरिया की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए संगठित रहें और किसी भी साजिश का हिस्सा न बनें।