इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
केरल हाईकोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 10 सदस्यों को जमानत दे दी, जो 2022 में पलक्कड़ जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेता श्रीनिवासन की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए थे।
न्यायमूर्ति राजा विजयराघवन वी. और न्यायमूर्ति पी. वी. बालकृष्णन की डिवीजन बेंच ने इन आरोपियों को जमानत प्रदान की। जिनको जमानत मिली है, उनमें शेफीक, जाफर बी, नास्सर, जमशीर एच, अब्दुल बासित, मुहम्मद शेफीक के., अशरफ के., जिशाद बी., अशरफ उर्फ अशरफ मौलवी और सिराजुद्दीन शामिल हैं।
इन सभी ने एनआईए की विशेष अदालत से जमानत याचिका खारिज होने के बाद हाईकोर्ट में अपील की थी।
अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी पहले ही दो वर्षों से अधिक समय से हिरासत में हैं और मुकदमे की प्रक्रिया में और देरी की संभावना है। अदालत ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ सीधे सबूतों की कमी है, इसलिए उन्हें जमानत दी गई।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इस मामले में दावा किया था कि श्रीनिवासन की हत्या एक बड़े आपराधिक षड्यंत्र का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य केरल में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना था।
कहा जाता है कि यह हत्या पीएफआई कार्यकर्ता ज़ुबैर की हत्या के प्रतिशोध में की गई थी और एनआईए इस मामले को सांप्रदायिक रंग देकर यूएपीए (UAPA) की धाराएं लागू कर रही है।
अदालत ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए अदालत को आरोप तय करने से रोक दिया था, जिससे मुकदमे में देरी हुई। अदालत ने स्पष्ट किया कि आरोपी सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के लिए वैध तरीके से गए, इसलिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।