इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
महाराष्ट्र विधानसभा में समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आसिम आज़मी को मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने के बाद कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। इस विवाद के चलते उन्हें विधानसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया। संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने आज़मी के निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसे विधानसभा ने पारित कर दिया।
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
अबू आसिम आज़मी के निलंबन पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:
“निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद, उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।”
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा “आज़ाद ख़्याल कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा।”
अबू आसिम आज़मी ने दी सफाई
निलंबन के बाद अबू आसिम आज़मी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था, बल्कि उन्होंने ऐतिहासिक तथ्यों को सामने रखा था।
राजनीतिक हलकों में गरमाई बहस
इस मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) ने सख्त रुख अपनाते हुए आज़मी के बयान की निंदा की, जबकि विपक्षी दलों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया।