इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार की राजनीति में विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही सियासी समीकरण तेज़ी से बदल रहे हैं। इसी बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और अमौर से विधायक अख़्तरूल ईमान ने राजद नेता व INDIA गठबंधन के संयोजक तेजस्वी प्रसाद यादव को पत्र लिखकर नाराज़गी जताई है।
अख्तरूल ईमान ने कहा है कि उनकी पार्टी ने 2 जुलाई 2025 को INDIA गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी। इसके तहत उन्होंने तीन प्रमुख प्रस्ताव रखे थे:
1.AIMIM को कम से कम छह विधानसभा सीटें दी जाएँ।
2.सीमांचल डेवलपमेंट काउंसिल का गठन कर विशेष पैकेज दिया जाए।
3.दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदायों को उनकी आबादी के अनुपात में राजनीतिक भागीदारी दी जाए।
AIMIM नेता का आरोप है कि तेजस्वी यादव ने इस पहल को गंभीरता से लेने के बजाय पार्टी को चुनाव न लड़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि उनकी उदारता को कमजोरी समझा गया और उनके पत्र का औपचारिक जवाब देना भी ज़रूरी नहीं समझा गया।
पत्र में ईमान ने 2005 के विधानसभा चुनाव का भी ज़िक्र किया है। उनका कहना है कि उस समय दिवंगत रामविलास पासवान ने राजद को समर्थन देने के बदले किसी मुस्लिम विधायक को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन राजद नेतृत्व ने इसे ठुकरा दिया, जिसके परिणामस्वरूप भाजपा सत्ता में आ गई।
अख्तरूल ईमान ने चेतावनी दी कि मौजूदा हालात भी 2005 जैसे ही हैं। यदि AIMIM को गठबंधन में शामिल नहीं किया गया और सेक्युलर वोटों का बिखराव हुआ तो इसकी पूरी जिम्मेदारी तेजस्वी यादव और राजद नेतृत्व पर होगी। उन्होंने साफ कहा कि AIMIM अब मजबूर होकर अलग चुनाव लड़ेगी और अंतिम फैसला बिहार की जनता करेगी।