इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
मार्च अल-मोमिनीन वेलफेयर फाउंडेशन के चेयरमैन शरफुद्दीन मोहम्मद कासमी उर्फ लालू भाई ने वक्फ संशोधन बिल 2024 को मुसलमानों के धार्मिक, संवैधानिक और सामाजिक अधिकारों पर हमला करार देते हुए कहा कि “यह बिल वास्तव में मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में लेने की साज़िश है, जिसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता।” उन्होंने 26 मार्च को पटना के गर्दनीबाग में होने वाले विरोध प्रदर्शन का पूर्ण समर्थन व्यक्त करते हुए मुसलमानों से अपील की कि वे भारी संख्या में इसमें भाग लें और अपनी एकजुटता दिखाएं।
वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा हमारा धार्मिक और संवैधानिक अधिकार: शरफुद्दीन मोहम्मद कासमी उर्फ लालू भाई
अल-मोमिनीन वेलफेयर फाउंडेशन के चेयरमैन ने कहा कि वक्फ प्रणाली सदियों से चली आ रही है और यह किसी सरकार का दिया हुआ दान नहीं, बल्कि मुसलमानों की धार्मिक और सामुदायिक अमानत है। सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ ज़मीन का मामला नहीं है, बल्कि हमारे धर्म, आस्था और पहचान का सवाल है। अगर आज हम चुप रहे, तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।”
26 मार्च को ऐतिहासिक प्रदर्शन, कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों की भागीदारी तय
शरफुद्दीन मोहम्मद कासमी उर्फ लालू भाई ने कहा कि 26 मार्च को पटना में होने वाला यह विरोध प्रदर्शन ऐतिहासिक होगा, जिसमें ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, इमारते शरिया, अन्य धार्मिक और सामाजिक संगठनों के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल होंगे।अल-मोमिनीन वेलफेयर फाउंडेशन भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ इस विरोध प्रदर्शन में पूरी भागीदारी करेगा।
जनता से अपील: अपने अधिकारों के लिए खड़े हों, सरकार को अपना मज़बूत संदेश दें
शरफुद्दीन मोहम्मद कासमी उर्फ लालू भाई ने मुसलमानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और न्यायप्रिय नागरिकों से अपील की कि वे 26 मार्च को गर्दनीबाग, पटना में होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल हों और सरकार को स्पष्ट संदेश दें कि हम अपने धार्मिक और संवैधानिक अधिकारों पर कोई समझौता स्वीकार नहीं करेंगे।