
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
गुजरात के बेट द्वारका और आसपास के द्वीपों में चलाए गए बड़े पैमाने पर विध्वंस अभियान को लेकर एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) ने गंभीर आरोप लगाए हैं। APCR की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा चलाए गए इस अभियान में मुसलमानों को निशाना बनाते हुए संवैधानिक और कानूनी दिशा-निर्देशों का खुला उल्लंघन किया गया।
*73 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां नष्ट
इंडिया टोमोरो की रिपोर्ट के मुताबिक, ज़िला प्रशासन, वन विभाग और पुलिस ने मिलकर 1.27 लाख वर्ग मीटर भूमि पर स्थित 525 संरचनाओं को नष्ट कर दिया। इन संरचनाओं में घर, मस्जिदें, मंदिर और एक प्राथमिक विद्यालय भी शामिल हैं। विध्वंस के कारण प्राथमिक विद्यालय बंद हो गया है, जिससे 400 से अधिक बच्चों की शिक्षा बाधित हो गई।
*मुसलमान समुदाय पर सीधा निशाना
APCR की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस विध्वंस अभियान का मुख्य निशाना मुस्लिम समुदाय था। रिपोर्ट के अनुसार, नष्ट किए गए 90% घर मुसलमानों के थे। इस कार्रवाई से न सिर्फ लोगों को उनके घरों और आजीविका से वंचित किया गया, बल्कि उन्हें भय और सदमे का भी सामना करना पड़ा।
*फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन
APCR की गुजरात इकाई के अध्यक्ष शमशाद ख़ान पठान, सामाजिक कार्यकर्ता शीबा जॉर्ज, सांस्कृतिक कार्यकर्ता सरूप ध्रुव, पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के राष्ट्रीय सचिव प्रसाद चाको, वकील हुज़ैफ़ा उज्जैनी और सचिव इकराम मिर्ज़ा ने इस मामले की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग टीम का नेतृत्व किया।
*रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में कहा गया है कि यह विध्वंस अभियान एक प्रताड़ना वाली कार्रवाई थी, जिसका उद्देश्य नियमों के बहाने मुसलमानों को परेशान करना था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस तरह की कार्रवाई संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक आदर्शों के खिलाफ है। सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार और उनके अधिकारों का सम्मान होना चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
*“शासन का दुरुपयोग”
APCR की रिपोर्ट में कहा गया है कि बुलडोज़र की कार्रवाई यह संदेश देती है कि शासन पूरी तरह सत्ता के अनुसार चलता है, और कानून-व्यवस्था का कोई महत्व नहीं है।
*आगे की कार्रवाई की मांग
APCR ने इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार से यह मांग की है कि मुसलमानों के साथ हुए अन्याय की भरपाई की जाए और इस विध्वंस अभियान के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।