इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
देश की राजधानी दिल्ली के लक्ष्मी नगर इलाके में सोमवार देर रात एक भयावह घटना सामने आई, जहां अरबी शिक्षक मोहम्मद उबैदुल्लाह पर कुछ अज्ञात युवकों ने सांप्रदायिक टिप्पणियां करते हुए हमला किया। हमलावरों ने उनकी मोटरसाइकिल रोककर पिस्तौल तान दी, गालियां दीं, लात-घूंसों से पीटा और उन्हें ‘कटमुल्ला’ और ‘पाकिस्तानी’ कहकर अपमानित किया।
उबैदुल्लाह ने ‘द ऑब्जर्वर पोस्ट’ को बताया कि “वे 20-30 साल की उम्र के थे। उन्होंने मेरी बाइक रोकी, मुझे घेर लिया और सांप्रदायिक गालियां देने लगे। एक व्यक्ति ने मुझ पर पिस्तौल तान दी। उन्होंने मुझे जमीन पर गिराकर बेरहमी से पीटा, मेरी आंख पर मुक्का मारा जिससे वह सूज गई। किसी तरह मैं वहां से भागने में सफल हुआ, लेकिन मेरी बाइक वहीं रह गई।”
शिकायत के बावजूद FIR दर्ज नहीं, CCTV फुटेज भी नहीं मिला
हमले के तुरंत बाद उबैदुल्लाह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अब तक कोई FIR दर्ज नहीं हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब उन्होंने घटना स्थल के CCTV फुटेज की मांग की, तो उन्हें इसे देखने की अनुमति नहीं दी गई।
उबैदुल्लाह ने अपनी शिकायत में लिखा, “मैं एक कानून का पालन करने वाला, शांति-प्रिय नागरिक हूं। मैंने आज तक ऐसा कुछ नहीं देखा था। इस घटना ने मुझे गहरे सदमे में डाल दिया है। मैं एक शिक्षक हूं और आने वाली पीढ़ी के लिए ऐसा उदाहरण नहीं बनने देना चाहता।”
पुलिस की चुप्पी पर उठे सवाल
इस मामले में अब तक पुलिस द्वारा कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है और न ही कोई गिरफ्तारी हुई है। पीड़ित का कहना है कि वह न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन अभी तक उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।
क्या दिल्ली में सुरक्षित हैं अल्पसंख्यक?
यह घटना ऐसे समय में आई है जब देश में सांप्रदायिक सौहार्द और धार्मिक सहिष्णुता को लेकर लगातार बहस हो रही है। एक शिक्षक पर खुलेआम हमला और पुलिस की निष्क्रियता ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।