इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
जिले के गुड़हना गाँव में एक दलित किसान को अपनी फसल बचाने की कीमत जातिसूचक गालियाँ और मारपीट के रूप में चुकानी पड़ी। मामला 8 सितंबर का है।
पीड़ित किसान द्वारिका प्रसाद, पुत्र कल्लू सिंह, ने बताया कि गाँव के ही प्रशांत (पुत्र सत्यभान) तथा साक्षम और जय (दोनों पुत्र गना दयानंद) की गायें उनकी बाजरे की फसल बार-बार नुकसान पहुँचा रही थीं। किसान का आरोप है कि जब उन्होंने घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग की और एक गाय पकड़कर शिकायत करने पहुँचे तो आरोपियों ने उल्टा उन्हें जातिसूचक गालियाँ दीं और पीटा।
पिटाई से घायल किसान ने थाने में तहरीर दी। पुलिस ने तीनों आरोपियों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
थाना प्रभारी उदयवीर सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा, “दलित उत्पीड़न का केस दर्ज किया गया है। आगे की कार्रवाई कानून के मुताबिक होगी।”
गाँव में घटना के बाद तनाव का माहौल है और पीड़ित परिवार ने न्याय की माँग की है। यह घटना एक बार फिर ग्रामीण अंचलों में दलित किसानों के साथ हो रहे भेदभाव और हिंसा को उजागर करती है।