इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर सियासत गरमा गई है। पटना में आयोजित सनातन महाकुंभ कार्यक्रम में बाबा बागेश्वर ने कहा था कि “अगर भारत हिंदू राष्ट्र बना, तो पहला राज्य बिहार होगा।” इस बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सांसद प्रो. मनोज झा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मनोज झा ने कहा कि भारत किसी एक धर्म का राष्ट्र नहीं है और न ही ऐसा कभी होगा। उन्होंने कहा “हम बाबा साहब अंबेडकर, गांधी और नेहरू के संविधान में विश्वास रखते हैं। भारत की आत्मा तिरंगे में है, भगवा में नहीं। भारत संविधान से चलता है, किसी मठ या दरबार से नहीं।”
झा ने कहा कि इस तरह के बयान समाज में धार्मिक ध्रुवीकरण फैलाने वाले हैं और इससे बिहार जैसे सामाजिक सौहार्द वाले राज्य की गरिमा को ठेस पहुंचती है।
उन्होंने कहा “भारत बहुधार्मिक, बहुभाषी और विविधताओं से भरा देश है। यहां किसी को ये अधिकार नहीं कि वो यह तय करे कि कौन-सा राज्य किस धर्म का होगा। ये विचार न तो भारतीय है, न ही लोकतांत्रिक।”
राजद सांसद ने बागेश्वर धाम प्रमुख को नसीहत देते हुए कहा “बिहार की मिट्टी ने महात्मा बुध को जन्म दिया है। यह वो भूमि है जिसने राष्ट्रवाद को विचार और सेवा से जोड़ा है, किसी कट्टर सोच से नहीं। बाबा को यह नहीं भूलना चाहिए कि बिहार सिर्फ धर्म नहीं, संविधान और संघर्ष का भी केंद्र है।”
धीरेंद्र शास्त्री के ‘हिंदू राष्ट्र’ बयान पर मनोज झा की यह कड़ी प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि धर्म के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर विपक्ष अब खुलकर मोर्चा लेने के मूड में है। संविधान और राष्ट्रवाद की परिभाषा को लेकर बहस एक बार फिर तेज हो गई है।