इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
आज़ाद समाज पार्टी और तंज़ीम ईमारत-ए-शरीआ मुज़फ्फरपुर के संयुक्त तत्वावधान में आज मुज़फ्फरपुर में एक महत्वपूर्ण संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का मकसद 29. मई को मुज़फ्फरपुर के बेरिया स्थित महेश भगत बनवारी लाल कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाली “भाईचारा बनाओ, विरासत बचाओ महा रैली” की विस्तृत जानकारी देना और इस आयोजन के लिए व्यापक जनसमर्थन जुटाना था।
इस ऐतिहासिक महा रैली में अमीर-ए-शरीअत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी और आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद चंद्रशेखर आज़ाद शिरकत करेंगे।
आज़ाद समाज पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष और महा रैली के संयोजक जनाब जौहर आज़ाद ने कहा “आज देश में कमजोर तबकों की विरासत, पहचान और संस्थाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। वक्फ संशोधन बिल अल्पसंख्यकों की संपत्तियों और संस्थाओं पर कब्जा करने की एक सोची-समझी साजिश है। इसी तरह, बोधगया जैसे पवित्र स्थल पर बीटी एक्ट के ज़रिए सरकारी दखल न सिर्फ बौद्ध अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है, बल्कि यह संविधान से भी खिलवाड़ है।”
उन्होंने आगे कहा “‘भाईचारा बनाओ, विरासत बचाओ’ हमारा नारा है ताकि जाति, धर्म और क्षेत्रीयता से ऊपर उठकर तमाम वंचित तबकों को एक मंच पर लाकर एक मज़बूत संवैधानिक संघर्ष खड़ा किया जा सके। यह महा रैली संविधान, सामाजिक न्याय और विरासती हकों की रक्षा की लड़ाई में एक मील का पत्थर साबित होगी।”
तंज़ीम ईमारत-ए-शरीआ मुज़फ्फरपुर के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा “वक्फ एक्ट में किए जा रहे संशोधनों का उद्देश्य सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण हासिल करना है। यह कदम न सिर्फ असंवैधानिक है, बल्कि शरीअत के भी खिलाफ है। जब तक यह संशोधन वापस नहीं लिया जाता, हमारी लड़ाई जारी रहेगी।”
वहीं, ईमारत-ए-शरीआ मुज़फ्फरपुर के उपाध्यक्ष जावेद अहमद ने कहा “सरकार वक्फ संशोधन कानून के ज़रिए वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा करना चाहती है, जिसका हम डटकर विरोध करेंगे।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में सभी वक्ताओं ने आम जनता, छात्रों, उलेमा, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अल्पसंख्यक तबकों से पुरज़ोर अपील की कि वे 29 मई को मुज़फ्फरपुर के महेश भगत बनवारी लाल कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाली “भाईचारा बनाओ, विरासत बचाओ महा रैली” में भारी संख्या में शामिल हों और शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज़ बुलंद करें, ताकि वक्फ संपत्तियों, धार्मिक स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय और ऐतिहासिक विरासत की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।