इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार की राजनीति में नई ऊर्जा भरने और जन समस्याओं के समाधान के लिए जन सुराज पार्टी की ओर से 11 अप्रैल को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित की जा रही “बिहार बदलाव रैली” को एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। आयोजकों का दावा है कि इस रैली में राज्य के कोने-कोने से पाँच लाख से अधिक लोग शामिल होंगे और एक नए बिहार के निर्माण का संकल्प लेंगे।
जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा कि “यह रैली केवल एक राजनीतिक सभा नहीं बल्कि जन-प्रतिबद्धता है, जो बदलाव, क्रांति और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए उठने वाली बुलंद आवाज़ बनेगी।”
रैली का मकसद केवल वर्तमान समस्याओं को उजागर करना नहीं, बल्कि उनके समाधान के लिए जनता को जागरूक और सक्रिय करना है। शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी और जनप्रतिनिधि बेहतर बिहार के लिए अपने संकल्प को जनता के सामने रखेंगे।
आयोजकों के अनुसार, गांधी मैदान को जन-आशा, हौसले और सामूहिक चेतना की धरती में बदला जाएगा, जहाँ युवा, किसान, मजदूर, महिलाएं और बुज़ुर्ग मिलकर एक नए बिहार की नींव रखेंगे।
यह वही गांधी मैदान है जहाँ जय प्रकाश नारायण ने आपातकाल के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत की थी। अब उसी ऐतिहासिक धरती से एक नए बिहार के सफर का आगाज़ हो रहा है — जो जनसत्ता, पारदर्शी शासन और समग्र विकास की ओर बढ़ता कदम है।
“बिहार बदलाव रैली” को एक नए राजनीतिक सोच, जनजागरण और लोकतांत्रिक भविष्य की नींव माना जा रहा है, जो राज्य की तक़दीर बदलने का दावा करती है।
रैली के दौरान हज़ारों लोगों की भागीदारी, एकजुट आवाज़ और सामूहिक संकल्प यह संदेश देगा कि बिहार अब जाग चुका है — और अब फ़ैसला केवल जनता करेगी।