इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार में 100 यूनिट मुफ्त बिजली दिए जाने की खबरों पर अब राज्य सरकार ने पूरी तरह से विराम लगा दिया है। सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में इन खबरों को “तथ्यहीन, भ्रामक और झूठा” बताया गया है।
हाल के दिनों में कुछ समाचार पोर्टलों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह दावा किया जा रहा था कि राज्य सरकार आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बिजली उपभोक्ताओं को हर माह 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने जा रही है। इन खबरों के बाद आम लोगों में उत्सुकता के साथ-साथ भ्रम की स्थिति भी पैदा हो गई थी।
शनिवार को राज्य सरकार ने इन दावों का खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि इस संबंध में कोई प्रस्ताव, मंजूरी या नीति सरकार के स्तर पर न तो विचाराधीन है और न ही स्वीकृत। वित्त विभाग की ओर से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया कि “कुछ मीडिया माध्यमों द्वारा 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने की जो जानकारी दी जा रही है, वह पूरी तरह असत्य है।”
बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पुष्टि की कि सरकार की ओर से इस विषय में कोई निर्देश या नीति नहीं दी गई है।
इस मामले पर विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि “यह योजना हमारी घोषणा थी, जिसे एनडीए सरकार ने पहले नकारा और अब अफवाह के बाद पलटी मार ली।” उन्होंने सरकार से जनता के साथ “ईमानदारी से संवाद” करने की अपील की।
सरकार ने जनता से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें और अफवाहों से बचें।