इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार सरकार ने शुक्रवार को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के तहत राज्यभर के 1.11 करोड़ लाभार्थियों को ₹1,227 करोड़ की राशि सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से आयोजित एक राज्यव्यापी कार्यक्रम में इस राशि को डिजिटल माध्यम से एक साथ ट्रांसफर कर ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को गरिमापूर्ण जीवन देने की है। उन्होंने कहा कि पेंशन केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि आत्मसम्मान की गारंटी है।
इस वितरण के साथ ही सरकार ने पेंशन राशि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी करते हुए इसे ₹400 से बढ़ाकर ₹1,100 कर दिया है। यह निर्णय 20 जून को हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया था, जिसे जुलाई 2025 से लागू किया गया है।
राज्य सरकार द्वारा संचालित छह सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत यह राशि वितरित की गई। इनमें मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धजन पेंशन योजना, लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा योजना, राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना, बिहार दिव्यांग पेंशन योजना और राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना शामिल हैं।
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के अंतर्गत सर्वाधिक 49.89 लाख लाभार्थियों को ₹552.69 करोड़ की राशि दी गई, जबकि राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के तहत 1.10 लाख लाभार्थियों को ₹12.16 करोड़ मिले।
सबसे अधिक पेंशनधारियों वाला जिला मधुबनी रहा, जहां 5.53 लाख लोगों को ₹61.08 करोड़ की राशि प्राप्त हुई। वहीं, शेखपुरा में सबसे कम 71,971 लाभार्थियों को ₹7.95 करोड़ की राशि दी गई।
यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से राज्य के सभी 38 जिलों, 534 प्रखंडों, 8,000 पंचायतों और 43,000 से अधिक गांवों में एक साथ भेजी गई। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सभी ब्लॉक और पंचायत मुख्यालयों पर किया गया, जहां हजारों लाभार्थी उपस्थित रहे।
गया जिले की 62 वर्षीय सुनीता देवी ने मीडिया से कहा, “पहले ₹400 में दवा या राशन किसी एक का ही इंतज़ाम होता था। अब ₹1,100 से जीने में थोड़ी सहूलियत मिलेगी।”
पटना की दिव्यांग सबाना खातून ने मीडिया में प्रतिक्रिया दी, “यह सिर्फ आर्थिक मदद नहीं, यह सम्मान है जो हमें पहली बार मिला है।”
राज्य सरकार ने इस पहल को समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान की दिशा में एक मजबूत कदम बताया है। जेडीयू नेताओं ने इसे नीतीश सरकार की संवेदनशील नीतियों का हिस्सा करार दिया।
वहीं विपक्ष ने इसे आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़ते हुए एक “राजनीतिक स्टंट” बताया। राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “यह हमारी घोषणा की नकल है। हम पहले से ₹1,500 मासिक पेंशन की मांग कर रहे थे।”
मुख्यमंत्री ने सभी लाभार्थियों को आयुष्मान भारत कार्ड जल्द से जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया, ताकि उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में भी कोई कठिनाई न हो।
बिहार सरकार की यह पहल पेंशन को महज आर्थिक सहायता के रूप में नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन का आधार मानने की दिशा में एक अहम कदम है। 1.11 करोड़ लाभार्थियों को सीधे लाभ पहुंचाकर प्रशासन ने डिजिटल ट्रांसफर की पारदर्शिता और प्रभावशीलता का भी प्रमाण दिया है।