इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में बिहार के लाल मनीष रंजन मिश्रा ने अपनी जान गंवा दी। मनीष हैदराबाद में उत्पाद विभाग (Excise Department) में इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे और अपने परिवार के साथ छुट्टियां मनाने कश्मीर गए थे।
हमले के वक्त मनीष अपने पत्नी और बच्चे के साथ मौजूद थे। चश्मदीदों के मुताबिक, जैसे ही आतंकियों ने अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कीं, मनीष ने अपनी सूझबूझ और हिम्मत दिखाते हुए परिवार को एक सुरक्षित जगह पर छिपा दिया। मगर खतरा करीब आता देख, उन्होंने खुद सामने आकर आतंकियों को भटकाया और इस दौरान गोली लगने से शहीद हो गए।
स्थानीय पुलिस और सेना की संयुक्त टीम ने घटनास्थल पर स्थिति को नियंत्रण में लिया, लेकिन इस हमले ने एक बार फिर घाटी की नाज़ुक स्थिति को उजागर कर दिया है। बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले मनीष मिश्रा की बहादुरी की चर्चा पूरे देश में हो रही है।
मनीष की इस कुर्बानी को देश भर में सलाम किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ‘रियल हीरो’ बता रहे हैं। राज्य सरकार की ओर से मनीष के परिजनों को मुआवजा देने और एक सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी जल्द की जा सकती है।