इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजधानी पटना में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का शुभारंभ किया। इस मौके पर दोनों उपमुख्यमंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार भी मौजूद रहे। सरकार का दावा है कि यह योजना राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी।
योजना के तहत प्रत्येक परिवार की एक महिला को ₹10,000 की पहली किस्त सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी। छह माह तक रोजगार जारी रखने पर महिला उद्यमियों को ₹2 लाख तक की अतिरिक्त सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में ₹20,000 करोड़ का बजट तय किया है।
आवेदन प्रक्रिया भी आज से शुरू हो गई है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं जीविका स्वयं सहायता समूह के जरिए आवेदन कर सकेंगी, जबकि शहरी क्षेत्रों के लिए विशेष वेब पोर्टल लॉन्च किया गया है। पात्रता के लिए महिला का बिहार की स्थायी निवासी होना, उम्र 18 से 50 वर्ष (कुछ मामलों में 60 वर्ष तक), जीविका समूह की सदस्यता और किसी अन्य सरकारी रोजगार योजना से लाभ न लेना अनिवार्य होगा।
सरकार ने इस योजना के लिए 18 प्रकार के रोजगार विकल्प तय किए हैं। इनमें सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, अगरबत्ती व पापड़ निर्माण, किराना दुकान, डेयरी, पशुपालन, मछली पालन और ई-रिक्शा संचालन जैसे व्यवसाय शामिल हैं।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि यह योजना “महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धड़कन बनेगी।” मुख्यमंत्री ने भी विश्वास जताया कि इस पहल से लाखों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा और बिहार एक नए आत्मनिर्भर युग की ओर कदम बढ़ाएगा।