इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार सरकार ने मंगलवार को युवाओं के भविष्य को सशक्त बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए ‘बिहार युवा आयोग’ के गठन को कैबिनेट की बैठक में मंज़ूरी दे दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 43 प्रस्तावों पर मुहर लगी, जिसमें यह आयोग प्रमुख निर्णय रहा।
इससे पहले, राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी सार्वजनिक रूप से यह घोषणा की थी कि यदि उनकी पार्टी की सरकार बनी तो वे ‘युवा आयोग’ का गठन करेंगे। ऐसे में अब इस फैसले को राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम माना जा रहा है।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, बिहार युवा आयोग का उद्देश्य राज्य के युवाओं को शिक्षा, प्रशिक्षण, कौशल विकास, रोजगार और सामाजिक उत्थान से जोड़ना है। आयोग सरकारी विभागों के साथ समन्वय बनाकर युवाओं से संबंधित मुद्दों पर नीति सुझाव देगा और निगरानी भी करेगा।
इसके साथ ही आयोग राज्य के बाहर पढ़ने या काम करने वाले बिहार के युवाओं के हितों की भी रक्षा करेगा। शराब और नशे के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए जागरूकता कार्यक्रम तैयार करना भी इसके कार्यों में शामिल होगा। आयोग यह भी देखेगा कि राज्य के निजी क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को वरीयता मिले
आयोग में एक अध्यक्ष,दो उपाध्यक्ष,सात सदस्य शामिल होंगे! सभी पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष निर्धारित किए गए हैं
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने एक सप्ताह पूर्व गया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान यह वादा किया था कि यदि उन्हें सत्ता मिली तो वे ‘बिहार युवा आयोग’ का गठन करेंगे, जो युवाओं को रोजगार, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा से जोड़ने का कार्य करेगा।
तेजस्वी ने कहा था “बिहार का युवा आज भी पलायन कर रहा है, हम उनकी आवाज़ को ताकत देंगे। हमारी सरकार बनेगी तो हर ज़िले में युवाओं की समस्याओं के समाधान के लिए आयोग बनाया जाएगा।”
अब जब राज्य सरकार ने वही घोषणा कर दी है, तो इसे विपक्ष की मांग पर आंशिक सहमति या रणनीतिक राजनीति के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा “मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि बिहार के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने, उन्हें प्रशिक्षित करने तथा सशक्त और सक्षम बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने ‘बिहार युवा आयोग’ के गठन का निर्णय लिया है।”
पिछले सप्ताह की कैबिनेट बैठक में सरकार ने ‘मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना’ की शुरुआत की थी, जिसके अंतर्गत वर्ष 2025–26 में 5,000 युवाओं को इंटर्नशिप की सुविधा, 2026–27 से 2030–31 तक हर साल 1 लाख युवाओं को इंटर्नशिप के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी
बिहार युवा आयोग का गठन सरकार की एक दूरदर्शी पहल के रूप में सामने आया है। हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि विपक्ष पहले ही इस मांग को लेकर सामने आ चुका था। अब असली परीक्षा इस आयोग के भविष्य में प्रभावी कार्यान्वयन और युवाओं के विश्वास को अर्जित करने की होगी!