
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार की राजनीतिक हलचल में एक नया मोड़ तब आ गया है जब जदयू के वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने विधानसभा चुनावों के समय से पहले होने की संभावनाओं पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए किसी भी समय चुनाव का सामना करने के लिए तैयार है। चुनाव आयोग जब भी निर्णय ले, एनडीए मजबूती से मैदान में उतरेगा।
विजय चौधरी ने स्पष्ट किया कि चुनाव की तारीखों का निर्धारण चुनाव आयोग की तकनीकी प्रक्रिया है, लेकिन एनडीए गठबंधन नीतीश कुमार के नेतृत्व में एकजुट और तैयार है। उन्होंने कहा, “चुनाव हो या विपक्ष की कोई भी चुनौती, एनडीए इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।”
इससे पहले, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 दिसंबर से 21 फरवरी तक ‘प्रगति यात्रा’ के माध्यम से राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा किया। इस यात्रा का उद्देश्य पिछले दो दशकों में हुए विकास कार्यों की समीक्षा और शेष महत्वपूर्ण जनोपयोगी योजनाओं की पहचान करना था। विजय चौधरी ने इस यात्रा को बिहार के विकास में एक नया मील का पत्थर बताया।
वहीं, विपक्षी दलों ने समय से पहले चुनाव की अटकलों पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। राजद और अन्य विपक्षी पार्टियों ने एनडीए की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए समय से पहले चुनाव कराने की योजना बना रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी 24 फरवरी को भागलपुर यात्रा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा’ के समापन के बाद राज्य में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। हालांकि, चुनाव आयोग की आधिकारिक घोषणा का इंतजार है, लेकिन एनडीए और विपक्ष दोनों ने अपनी-अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव सामान्यतः अक्टूबर-नवंबर में होने वाले हैं, लेकिन वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम और बयानों के मद्देनजर समय से पहले चुनाव की संभावनाएँ प्रबल होती दिख रही हैं। आगामी दिनों में चुनाव आयोग की गतिविधियाँ और राजनीतिक दलों की रणनीतियाँ इस संदर्भ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।