इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
वक्फ़ संशोधन एक्ट 2025 और बीटी एक्ट 1949 के खिलाफ़ देशभर में विरोध की आवाज़ें तेज़ होती जा रही हैं। इसी कड़ी में भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद 29 मई को मुज़फ़्फ़रपुर के महेश भगत बनवारी लाल कॉलेज मैदान में ‘भाईचारा बनाओ, अधिकार बचाओ’ महा रैली को संबोधित करेंगे। उनके साथ होंगे बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अमीर-ए-शरीअत फ़ैसल रहमानी साहब।
भीम आर्मी बिहार प्रदेश सचिव शरफ़ुद्दीन मोहम्मद क़ासमी उर्फ़ लालू भाई ने कहा कि यह रैली वक्फ़ संशोधन एक्ट 2025 और बीटी एक्ट 1949 जैसे जनविरोधी और अल्पसंख्यक विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ निर्णायक संघर्ष का आग़ाज़ होगी। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन न सिर्फ़ इन दो क़ानूनों के विरोध में है, बल्कि समस्त वंचित तबकों—दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों—के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे 29 मई को बड़ी संख्या में रैली में शामिल होकर आंदोलन को मज़बूती प्रदान करें।
लालू भाई ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया वक्फ़ संशोधन एक्ट 2025 संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 15 (भेदभाव निषेध), अनुच्छेद 25-26 (धार्मिक स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 300A (मालिकाना हक़) का उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि इस एक्ट में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जो वक्फ़ संपत्तियों में सरकारी दखल को बढ़ावा देते हैं, जिससे धार्मिक और सामाजिक स्वायत्तता पर असर पड़ता है।
उन्होंने बीटी एक्ट 1949 को भी पूरी तरह असंवैधानिक और पसमांदा, दलित एवं अल्पसंख्यक विरोधी बताया और उसकी तत्काल वापसी की मांग की। उन्होंने कहा कि भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी इस एक्ट के विरोध में पूरे राज्य और देश में संगठित आंदोलन चलाएंगी।
लालू भाई ने ऐलान किया कि जब तक सरकार वक्फ़ संशोधन एक्ट को वापस नहीं लेती, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, “यह लड़ाई सिर्फ़ वक्फ़ एक्ट की नहीं, बल्कि संविधान और समाज में समानता की लड़ाई है। हम गांव-गांव, शहर-शहर जाकर जनजागरण अभियान चलाएंगे।”
दलित और अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए संघर्षरत चंद्रशेखर आज़ाद इस आंदोलन की अगुवाई करेंगे। 2024 के लोकसभा चुनावों में नागीना से सांसद बने चंद्रशेखर ने दलित-मुस्लिम एकता को मज़बूती दी है। उनकी अगुवाई में भीम आर्मी ने शिक्षा, न्याय और सामाजिक जागरूकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं।
इस आंदोलन को धार्मिक नेतृत्व का भी साथ मिल रहा है। अमीर-ए-शरीअत फ़ैसल रहमानी और चंद्रशेखर आज़ाद के साथ मंच साझा करेंगे, जो इस आंदोलन को धार्मिक और सामाजिक एकता की मिसाल बनाएगा।
भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रैली की तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। बिहार के विभिन्न जिलों में जनसंपर्क और प्रचार अभियान चलाया जा रहा है। शरफ़ुद्दीन क़ासमी ने कहा, “29 मई को मुज़फ़्फ़रपुर की धरती से एक नई इंकलाबी आवाज़ उठेगी। आइए, इस ऐतिहासिक रैली का हिस्सा बनें और अधिकारों की इस लड़ाई को मज़बूती दें।”