इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को चारा घोटाला एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना, जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मंत्री नीतिश मिश्रा के बीच तीखी बहस हुई। तेजस्वी यादव ने सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि चारा घोटाले में उनके पिता लालू प्रसाद यादव का नाम बार-बार लिया जाता है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा का नाम नहीं लिया जाता, जो इसी घोटाले में शामिल थे।
तेजस्वी यादव ने कहा, “आप लोग लालू यादव का नाम लेते हैं, लेकिन इसी चारा घोटाले में जगन्नाथ मिश्रा का भी नाम आया। उन्हें भी आरोपित बनाया गया। उन्हें भी सजा मिली, लेकिन उनका नाम तो आप कभी नहीं लेते।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री नीतिश मिश्रा, जो जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र हैं, ने कहा कि उनके पिता को अदालत ने बरी कर दिया था।
इस पर तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि जगन्नाथ मिश्रा को दो मामलों में बरी किया गया था, जबकि शेष मामलों में उन्हें सजा हुई थी। उन्होंने कहा, “आपके पिता जगन्नाथ मिश्रा भी चारा घोटाले में सजायाफ्ता रहे हैं।” मामला बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप कर दोनों नेताओं को शांत कराया।
गौरतलब है कि चारा घोटाले में लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया गया था और वे जेल की सजा काट रहे हैं, जबकि जगन्नाथ मिश्रा को कुछ मामलों में बरी किया गया था।
इस मुद्दे पर सदन में हुई बहस ने एक बार फिर बिहार की राजनीति में परिवारवाद और भ्रष्टाचार के मुद्दों को सतह पर ला दिया है।