इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार की राजनीति में एक अहम आयोजन के तहत आज पटना के गांधी मैदान में हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) द्वारा ‘दलित समागम रैली’ का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, बिहार सरकार में मंत्री व हम (से.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सुमन सहित एनडीए के कई बड़े नेता, विधायक, पार्टी पदाधिकारी और हजारों की संख्या में दलित समाज के लोग शामिल हुए।
नीतीश कुमार ने दोहराया दलित सशक्तिकरण का संकल्प
रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दलित समाज के उत्थान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षा, रोजगार और सामाजिक न्याय के क्षेत्र में दलित समुदाय के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। उन्होंने बिहार में आरक्षण नीति, छात्रवृत्ति योजनाएं और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/जनजाति उद्यमी योजना जैसी पहल का उल्लेख किया।
एनडीए सरकार दलित समाज के साथ: सम्राट चौधरी
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार हमेशा दलितों के हक में काम करती आई है और आगे भी करेगी। उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल केवल वोट बैंक की राजनीति करते हैं, जबकि एनडीए दलित समाज के विकास के लिए ठोस कदम उठा रही है।
डॉ. संतोष सुमन ने बताया रैली को ऐतिहासिक
हम (से.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सुमन ने इस रैली को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह आयोजन दलित समाज की एकजुटता और उनके हक के लिए संघर्ष को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह समागम केवल एक राजनीतिक रैली नहीं, बल्कि दलितों की आवाज बुलंद करने का मंच है।
रैली में उमड़ा जनसैलाब, लाखों लोगों की हुई भागीदारी
इस रैली में बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा झारखंड, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से भी हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। पार्टी ने दावा किया कि एक लाख से अधिक लोग इस समागम का हिस्सा बने। दलित समाज के लोगों ने अपने पारंपरिक अंदाज में नारेबाजी कर सरकार को समर्थन दिया।
राजनीतिक समीकरणों पर भी पड़ा असर
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह रैली बिहार की राजनीति में एनडीए सरकार के दलित कार्ड को मजबूत करने का एक बड़ा कदम है। इससे आगामी चुनावों में एनडीए को दलित समाज का व्यापक समर्थन मिलने की संभावना जताई जा रही है।
रैली का मुख्य उद्देश्य
इस ‘दलित समागम रैली’ का मुख्य उद्देश्य दलित समाज की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण की दिशा में चर्चा करना था। इस दौरान वक्ताओं ने दलितों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनके कल्याणकारी योजनाओं को और सशक्त बनाने पर जोर दिया।
पटना में आयोजित इस दलित समागम रैली ने यह साबित कर दिया कि बिहार में दलित समाज की भूमिका राजनीति में बेहद महत्वपूर्ण है। इस रैली से एनडीए ने दलित समुदाय को एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। अब देखना यह होगा कि इस आयोजन का आने वाले चुनावों में क्या असर पड़ता है।