इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग के बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए ताड़ी को कृषि उत्पाद का दर्जा देने की मांग की है।
बक्सर के कोरानसराय में आयोजित एक जनसभा में पारस ने कहा, “पासी समाज के लोग ताड़ी उतारने और बेचने से जीविका चलाते थे, लेकिन शराबबंदी के कारण वे बेरोजगार हो गए हैं। उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है, जिससे उनकी बेटियों की शादी और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।” उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि ताड़ी को शराबबंदी से अलग कर इसे कृषि उत्पाद घोषित किया जाए, ताकि पासी समाज के लोग अपनी आजीविका पुनः प्राप्त कर सकें।
इसके अलावा, पारस ने नीतीश कुमार की सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में बिहार में कोई नया उद्योग स्थापित नहीं हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री को “बीमारू व्यक्ति” करार देते हुए जनता से आह्वान किया कि ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकना चाहिए।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, पारस की ये टिप्पणियां राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गई हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे 14 अप्रैल को एक बड़ी रैली आयोजित करेंगे, जिसमें यह स्पष्ट करेंगे कि उनकी पार्टी आगामी चुनाव किसके साथ मिलकर लड़ेगी।
शराबबंदी कानून के तहत ताड़ी पर लगे प्रतिबंध को हटाने और उसे कृषि उत्पाद का दर्जा देने की मांग ने बिहार की राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है और आगामी चुनावों में यह मुद्दा कितना प्रभाव डालता है।