
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार की राजधानी पटना में एक ऐसे डॉक्टर हैं जिन्होंने न केवल चिकित्सा क्षेत्र में अपना नाम रोशन किया है, बल्कि अपनी सेवाओं से लाखों गरीब और जरूरतमंद लोगों का जीवन आसान बना दिया है। डॉ. एजाज अली, जिनका नाम आज पटना के लिए किसी मसीहा से कम नहीं है, 1984 से बीखना पहाड़ी इलाके में अपनी क्लिनिक चला रहे हैं। उनका सबसे बड़ा योगदान यह रहा है कि उन्होंने अपने मरीजों से महज 10 रुपये की फीस लेकर चिकित्सा सेवा प्रदान की, जो आज भी जारी है।
*कम फीस और समर्पण
पैसे के लालच से दूर रहते हुए डॉ. अली ने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि इलाज का खर्च आम आदमी की पहुंच से बाहर न हो। उनकी क्लिनिक पर प्रतिदिन 100 से अधिक मरीज आते हैं, और इसमें से कई लोग दूर-दूर से इलाज के लिए आते हैं। वह न सिर्फ सस्ती फीस लेते हैं बल्कि मरीजों को सस्ती दरों पर सर्जरी भी कराते हैं। इसके अलावा, वह मरीजों को किस्तों में भुगतान की सुविधा भी देते हैं, और कई बार बिना कोई शुल्क लिए इलाज कर देते हैं।
*नेता के रूप में योगदान
डॉ. अली का चिकित्सा पेशे के साथ-साथ राजनीति में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 2008 से 2010 तक उन्होंने बिहार से राज्यसभा में जनतादल (यूनाइटेड) का प्रतिनिधित्व किया। इसके अतिरिक्त, वह अखिल भारतीय पिछड़े मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक रहे हैं, जो 1994 में स्थापित हुआ था और दलित मुसलमानों के लिए काम करता है।
*पारिवारिक विरासत
डॉ. अली की पत्नी भी एक डॉक्टर थीं, और उनके तीनों बच्चे भी चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत हैं। उनकी बेटी, डॉ. सुरैया अंजुम, जो एक गायनेकोलॉजिस्ट हैं, कहती हैं, “वह हमेशा मरीजों के साथ बहुत विनम्र रहते हैं, कभी भी गुस्से में नहीं आते। मरीज उन्हें मसीहा की तरह मानते हैं।”
*सामाजिक समर्पण
डॉ. अली ने न सिर्फ गरीबों के लिए सस्ती चिकित्सा सेवा प्रदान की है, बल्कि उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि मरीजों को आने-जाने की कोई अतिरिक्त कठिनाई न हो। वह हर मरीज को उसी दिन इलाज प्रदान करने की कोशिश करते हैं, ताकि उन्हें रहने और यात्रा के लिए अतिरिक्त खर्च न करना पड़े।
अपने एक साक्षात्कार में डॉ. अली ने कहा, “मेरे लिए यह सबसे बड़ी संतुष्टि है कि मैं समाज के उन वर्गों की मदद कर पा रहा हूं जिन्हें आमतौर पर उच्च चिकित्सा खर्च के कारण उपचार नहीं मिल पाता।”
*नम्रता में बसी महानता
डॉ. अली की प्रसिद्धि और पहचान के बावजूद उनकी सादगी और नम्रता बरकरार है। वह आज भी अपनी क्लिनिक पर हर मरीज की जरूरतों को पूरा करने में जुटे हुए हैं और उनकी यही सेवा भावना उन्हें समाज में आदर्श बनाती है।
पटना के इस डॉक्टर ने दिखा दिया कि सच्ची सेवा केवल अच्छे डॉक्टर बनने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग की मदद करने की कड़ी मेहनत और समर्पण की मांग करती है। डॉ. एजाज अली का जीवन एक प्रेरणा है, और उनकी सेवाएं आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शक बनी रहेंगी।