
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद बारामुल्ला से सांसद इंजीनियर राशिद ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर 31 जनवरी, 2025 से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है। यह कदम उन्होंने संसद में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के अधिकार से वंचित किए जाने के विरोध में उठाया है।
इंजीनियर राशिद ने पत्र में कहा कि वह अपने संसदीय अधिकारों के “व्यवस्थित वंचन” की निंदा करते हैं और इसे “लोकतंत्र का मजाक” मानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी भूख हड़ताल का उद्देश्य सरकार को याद दिलाना है कि उत्तरी कश्मीर के लोग और उनका जनादेश सम्मानित किया जाना चाहिए।
*एआईपी ने राशिद के साथ एकजुटता व्यक्त की
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईपी (आल पार्टीज इत्तेहाद) के मुख्य प्रवक्ता इनामुन-नबी ने इंजीनियर राशिद के साथ एकजुटता व्यक्त की और घोषणा की कि उनकी पार्टी 1 फरवरी, 2025 को श्रीनगर के प्रेस कॉलोनी में भूख हड़ताल करेगी।
इनामून नबी ने कहा, “इंजीनियर राशिद साहब का जेल से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर जाने का फैसला उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ हताशापूर्ण लेकिन सम्मानजनक प्रतिक्रिया है। हम अधिकारियों से लोकतंत्र का सम्मान करने और राशिद को अपने कर्तव्यों को निर्वहन करने की अनुमति देने का आग्रह करते हैं। एआईपी उनके और बारामुल्ला के लोगों के साथ खड़ी रहेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक समाज और लोकतांत्रिक संस्थाओं से अपील की है कि वे राशिद और उनके मतदाताओं के लिए न्याय बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करें।
कश्मीर में बढ़ती राजनीतिक गतिरोध
इंजीनियर राशिद का यह कदम कश्मीर के राजनीतिक माहौल में बढ़ते गतिरोध और लोकतांत्रिक अधिकारों के उल्लंघन को लेकर चिंता का विषय बन गया है। उनकी भूख हड़ताल और उनके समर्थकों की एकजुटता ने क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को सक्रिय किया है और यह मुद्दा एक बार फिर केंद्र सरकार के लिए चुनौती बन गया है।