
इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में एक इस्लामिक विद्वान और मदरसे के शिक्षक मोहम्मद फिरोज को पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने का मामला सामने आया है। यह घटना एक नियमित बाइक चेकिंग के दौरान हुई, जब फिरोज पुलिस द्वारा की जा रही जांच को तुरंत समझ नहीं पाए और थोड़ी आगे बढ़ गए।
फिरोज का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रोकने के बाद उनकी बाइक पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए। जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई और कारण पूछा, तो पुलिसकर्मियों ने उन पर हमला कर दिया। फिरोज के अनुसार, उन्हें तब तक मारा गया जब तक वह बेहोश नहीं हो गए।
*धार्मिक टिप्पणियों और धमकियों का आरोप
मोहम्मद फिरोज ने बताया कि जब वह पुलिस से छोड़ने की गुहार लगा रहे थे, तो डीएसपी ने उनके धार्मिक विश्वासों का मजाक उड़ाया और कहा, “तू अल्लाह को पूजता है ना? बुला उसे, वही बचाएगा तुझे आज।”
इसके अलावा, पुलिसकर्मियों ने उनकी दाढ़ी पकड़कर थप्पड़ मारे और अपमानजनक बातें कही। जब उन्होंने पानी मांगा, तो एक पुलिसकर्मी ने कथित तौर पर जवाब दिया, “इस कमीने को पानी देने की जरूरत नहीं।”
जब फिरोज ने अपने परिवार को फोन करने की अनुमति मांगी, तो डीएसपी ने मना कर दिया और कहा, “इस कमीने को किसी से बात करने की जरूरत नहीं।”
*गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती
फिरोज ने बताया कि पिटाई के बाद वह पूरी तरह से जख्मी हो गए और उनके लिए बोलना भी मुश्किल हो गया। बाद में, जब एक पानी देने वाले व्यक्ति ने उन्हें पानी दिया, तो उन्होंने चुपके से एक कागज पर अपने परिवार का नंबर लिखकर उसे दे दिया, जिससे उनके परिजन को जानकारी मिल सकी।
पुलिस हिरासत से रिहा होने के बाद फिरोज को मधुबनी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ने के कारण उन्हें दरभंगा अस्पताल रेफर कर दिया गया। फिलहाल, उनकी स्थिति गंभीर लेकिन स्थिर बनी हुई है।
*पुलिस का इनकार
वहीं, पुलिस ने इस पूरे मामले को झूठा बताते हुए कहा कि फिरोज खुद ही बाइक रोकते समय गिर गए थे और उनकी चोटें स्व-निर्मित हैं। डीएसपी ने इसे “फेक न्यूज” करार देते हुए किसी भी दुर्व्यवहार से इनकार किया।
हालांकि, स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर रोष है और निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है।