इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनज़र ईमीरात-ए-शरीया बिहार, ओडिशा व झारखंड के नाज़िम मौलाना मुफ़्ती मोहम्मद सईदुर्रहमान क़ासमी ने मुसलमानों, दलितों और पिछड़े वर्गों को वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज कराने की सख़्त ज़रूरत बताया है। उन्होंने कहा कि “वोट देना सिर्फ़ एक लोकतांत्रिक अधिकार नहीं, बल्कि क़ौमी और दीनी फ़र्ज़ भी है।”
उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने ड्राफ़्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी है, लेकिन इसमें भारी गड़बड़ियाँ सामने आई हैं। अब तक करीब 65 लाख नाम हटाए जा चुके हैं, जिनमें अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति और मुसलमानों की संख्या ज़्यादा है। ऐसे में हर योग्य नागरिक को 31 अगस्त से पहले अपना नाम दर्ज कराना या ग़लतियों को ठीक कराना बेहद ज़रूरी है।
मुफ़्ती क़ासमी ने कहा कि जिनका नाम सूची से हटाया गया है, वे फॉर्म 6 भरकर आधार कार्ड और ज़रूरी दस्तावेज़ के साथ ऑनलाइन या BLO (बीएलओ) के पास जाकर नाम जुड़वा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 1 जुलाई 2025 तक 18 साल पूरे कर चुके और अक्टूबर तक 18 वर्ष के होने वाले युवा भी फॉर्म जमा कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि 11 दस्तावेज़ों के साथ आधार कार्ड को मान्य रखा जाए ताकि किसी भी योग्य नागरिक का नाम वोटर लिस्ट से न छूटे।
मुफ़्ती क़ासमी ने चेतावनी दी कि अगर ग़फ़लत बरती गई और नाम वोटर लिस्ट से बाहर रह गया, तो लोग न केवल मतदान के अधिकार से वंचित हो जाएंगे बल्कि भविष्य में नागरिकता पर भी सवाल उठ सकते हैं।
उन्होंने इमामों, सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं और ईमीरात-ए-शरीया के ज़िम्मेदारों से अपील की कि वे गाँव-गाँव, मस्जिदों और मदरसों के ज़रिए लोगों को जागरूक करें और हर योग्य नागरिक का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज कराने में मदद करें।
👉 आधिकारिक वेबसाइट : ceoelection.bihar.gov.in
मुफ़्ती क़ासमी का स्पष्ट संदेश है कि “वक़्त बहुत कम है, लापरवाही मत कीजिए। अपना और अपनों का नाम वोटर लिस्ट में दर्ज ज़रूर कराइए।”