इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल की ओर से वक़्फ़ एक्ट 2025 को लेकर एक अहम ऑनलाइन परामर्श बैठक आयोजित की गई, जिसमें देशभर से प्रमुख पत्रकारों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता मिल्ली काउंसिल के उपाध्यक्ष मौलाना यासीन अली उस्मानी ने की,ये ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना फ़ज़लुर-रहीम मुजद्दिदी के संरक्षण में हुआ। इस बैठक के आयोजन में काउंसिल के मीडिया सचिव शम्स तबरेज़ क़ासमी और संयुक्त मीडिया सचिव सैफुर रहमान की भूमिका अहम रही।
बैठक का उद्देश्य वक़्फ़ एक्ट 2025 के विभिन्न पहलुओं को पत्रकारों के समक्ष रखना और इससे जुड़ी चिंताओं व शंकाओं का संतोषजनक समाधान प्रस्तुत करना था। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एम.आर. शमशाद ने कानून के सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला और पत्रकारों के सवालों के तर्कपूर्ण जवाब दिए।
एम.आर. शमशाद ने स्पष्ट किया कि विभिन्न संगठनों द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं को केवल “क्रेडिट लेने की होड़” कहना सही नहीं है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित कई संस्थाएं इस कानून के संभावित खतरे को पहले ही भांप चुकी थीं और बिल के पारित होने के तुरंत बाद विधिक सलाहकारों से विमर्श कर याचिकाएं दाखिल की गईं।
बैठक में तुर्की से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार इफ्तिखार गिलानी ने संसद में किए गए उस दावे को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि तुर्की में वक़्फ़ बोर्ड मौजूद नहीं है। उन्होंने बताया कि तुर्की में वक़्फ़ का एक मजबूत सरकारी ढांचा है और यह पूरी तरह क्रियाशील है। उन्होंने पत्रकारों से निष्पक्ष पत्रकारिता निभाने की अपील की।
वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने कहा कि वक़्फ़ कानून से जुड़े तथ्यों को सरल, स्पष्ट और प्रभावी भाषा में सभी ज़िम्मेदार पत्रकारों तक पहुंचाना ज़रूरी है, ताकि झूठे प्रचार का संगठित और सार्थक विरोध किया जा सके।
बैठक में कई मीडिया संस्थानों से जुड़े पत्रकारों ने भाग लिया जिनमें गुफरान साजिद क़ासमी (बसीरत ऑनलाइन), अशरफ़ बस्तावी (एशिया टाइम्स), हुमा नाज़ (इंसाफ़ टाइम्स), सदफ़ कामरान (हिंदुस्तानी मीडिया), रूबा अंसारी (मिल्लत टाइम्स), आज़ाद रिपोर्टर अबू ऐमल , सुफ़यान सैफ (मेवात टाइम्स), मुहम्मद अहमद (वतन समाचार) और जावेद रहमानी (संपादक, रोज़नामा सायबान) सहित कई अन्य पत्रकार शामिल रहे। उन्होंने वक़्फ़ एक्ट से जुड़ी अपनी शंकाएं साझा कीं और वकील से संतोषजनक उत्तर प्राप्त किए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि वक़्फ़ से संबंधित ग़लत बयानों और झूठे प्रचार का वैज्ञानिक, कानूनी और पत्रकारिता के आधार पर जवाब तैयार किया जाएगा। इस कार्य में मिल्ली काउंसिल और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड मिलकर सहयोग करेंगे।
मीडिया सचिव शम्स तबरेज़ क़ासमी ने घोषणा की कि बोर्ड के महासचिव के निर्देश पर आगे और भी ऑनलाइन व ऑफलाइन परामर्श बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनका आयोजन मिल्ली काउंसिल का मीडिया विभाग, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का मीडिया विंग और कोगिटो मीडिया फाउंडेशन मिलकर करेंगे।
संयुक्त मीडिया सचिव सैफुर रहमान ने बताया कि इन बैठकों को देशभर में फैलाया जाएगा ताकि एक मज़बूत पत्रकारिता नेटवर्क तैयार कर वक़्फ़ एक्ट के खिलाफ प्रभावी जनसंपर्क अभियान चलाया जा सके।
बैठक का समापन मौलाना फ़ज़लुर रहीम मुझद्दिदी की दुआ से हुआ, जिसमें आई.ओ.एस. के महासचिव और मिल्ली काउंसिल की कार्यकारिणी सदस्य मोहम्मद आलम, मिल्ली काउंसिल के नेता मुफ़्ती उमर आबिदीन क़ासमी, वरिष्ठ पत्रकार दियाशंकर मिश्रा, राजू मनसुखानी, रिसर्चर अंसार इमरान, एमएक्स न्यूज़ के संस्थापक शकील अहमद, अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों से जुड़े पत्रकार सुहैल अख़्तर क़ासमी, युवा पत्रकार असद अशरफ़, डेली सालार के पत्रकार अबूबकर,अर्श, इंसाफ़ टाइम्स के वीडियो प्रमुख महताब आलम, और मिल्ली डाइजेस्ट के संपादक मुबारक उमरी समेत बड़ी संख्या में पत्रकार और मिल्ली जिम्मेदारान शामिल हुए।