इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। शीर्ष अदालत ने ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले में उनके खिलाफ चल रही आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी। अदालत ने स्पष्ट किया कि दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत में चल रही ट्रायल की प्रक्रिया फिलहाल जारी रहेगी।
हालांकि, अदालत ने लालू यादव की उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें व्यक्तिगत रूप से ट्रायल कोर्ट में पेश होने से छूट दी है।
यह मामला 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए सामने आए कथित घोटाले से जुड़ा है। सीबीआई का आरोप है कि लालू यादव ने रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी दिलवाने के बदले उम्मीदवारों और उनके परिवारों से पटना और आसपास की जमीनें बेहद कम कीमत पर अपने परिवार के नाम लिखवा लीं।
सीबीआई ने इस मामले में मई 2022 में एफआईआर दर्ज की थी और तीन चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं। एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले में लालू यादव के परिवार के कई सदस्य लाभार्थी रहे हैं।
लालू यादव की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि इस मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 17A के तहत अनिवार्य अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए ट्रायल पर रोक लगाई जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दलीलों को फिलहाल मानने से इनकार कर दिया और कहा कि मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है, और वहीं इसका निपटारा किया जाए।
शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि दिल्ली हाईकोर्ट इस याचिका पर तेजी से सुनवाई करे, लेकिन ट्रायल पर किसी भी तरह की रोक लगाने से इनकार कर दिया।
इस फैसले से बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। विधानसभा चुनावों से पहले राजद सुप्रीमो को यह कानूनी झटका रणनीतिक मोर्चे पर नुकसानदायक माना जा रहा है। एनडीए खेमे के नेताओं ने इसे “कानून की जीत” बताया है, जबकि राजद नेताओं ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है।
कानून के जानकारों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला संकेत देता है कि भ्रष्टाचार के मामलों में अब न्यायिक प्रक्रिया को बिना बाधा के आगे बढ़ाया जाएगा, चाहे आरोपी कितना भी बड़ा हो।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि लालू यादव को फिलहाल कोई राहत नहीं मिलने वाली। अब इस मामले में अगली अहम सुनवाई दिल्ली हाईकोर्ट में होगी, जहां एफआईआर और चार्जशीट को चुनौती दी गई है।