इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी ज़िले में स्थित ऐतिहासिक लोधेश्वर महादेव मंदिर में गुरुवार देर शाम दलित युवक के साथ मारपीट और जातिसूचक अपमान का मामला सामने आया है। पीड़ित शैलेंद्र प्रताप गौतम (27) ने आरोप लगाया है कि मंदिर के पुजारी आदित्य तिवारी और उनके परिजनों ने उसे पूजा करने से रोका और जातिगत अपशब्द कहकर मंदिर से बाहर निकालने की कोशिश की। विरोध करने पर मंदिर में रखा लोटा और घंटा उठाकर हमला किया गया।
शैलेंद्र को गंभीर हालत में पहले रामनगर सीएचसी, फिर बाराबंकी जिला अस्पताल और अंततः लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। उसके सिर, चेहरे और सीने पर गहरी चोटें आई हैं। पीड़ित का दावा है कि पूरी घटना मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है।
वहीं, पुजारी आदित्य तिवारी ने आरोपों से इनकार करते हुए पलट दावा किया कि शैलेंद्र ने उनकी बहू से छेड़खानी की थी। तिवारी ने कहा कि मंदिर में सभी जातियों के लोग पूजा करते हैं और यह विवाद धार्मिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत दुर्व्यवहार को लेकर है।
पुलिस ने दोनों पक्षों से तहरीर प्राप्त कर ली है और घटना की जांच शुरू कर दी है। थाना रामनगर के प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार पांडेय ने बताया कि मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की जा रही है और साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के बाद मंदिर परिसर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। एहतियात के तौर पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
दलित संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने घटना की निंदा करते हुए इसे जातिवादी मानसिकता की पराकाष्ठा बताया है और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी ने इस प्रकरण को दलितों के धार्मिक अधिकारों का हनन बताया है और बाराबंकी प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की है।