इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को “चोरी हुआ चुनाव” करार देते हुए चुनाव आयोग (ECI) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने जानबूझकर मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से इनकार किया और CCTV फुटेज नष्ट कर चुनावी गड़बड़ियों के सबूत मिटाने की कोशिश की।
राहुल गांधी ने कहा, “महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने हमारे उन संदेहों की पुष्टि की, जो हमने पहले ही जताए थे। चुनाव आयोग ने हमें मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से मना कर दिया, जिससे यह साफ हो गया कि आयोग BJP के साथ मिला हुआ है।”
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस की एक विशेष टीम ने छह महीने की मेहनत से “वोट चोरी” के पुख़्ता सबूत जुटाए हैं। “हमने 7 फीट लंबी छपी हुई वोटर लिस्टों की जांच की, जिनमें न तो OCR (ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन) संभव है और न ही डिजिटल विश्लेषण। अगर हमें ये डेटा डिजिटल रूप में मिलता, तो छह महीने का काम 30 सेकंड में हो जाता,” ।
कांग्रेस नेता ने महाराष्ट्र में मतदाता सूची में भारी अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच महज़ पांच महीनों में एक करोड़ नए वोटर जोड़ दिए गए, जबकि सामान्य तौर पर इतनी संख्या में मतदाता जुड़ने में पांच साल लगते हैं।
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि मतदान के दिन शाम 5.30 बजे के बाद अचानक वोटिंग प्रतिशत में उछाल दर्ज हुआ, जबकि ज़मीनी रिपोर्ट कहती है कि उस समय बूथों पर कोई खास भीड़ नहीं थी। “अब वे CCTV फुटेज नष्ट कर रहे हैं, जबकि उसी में सच्चाई दर्ज है,” उन्होंने कहा।
कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वहां एक लाख से अधिक फर्जी वोट डाले गए। कांग्रेस के शोध के मुताबिक:
11,965 डुप्लिकेट वोटर पाए गए,
40,009 वोटर फर्जी या अमान्य पते पर,
10,452 वोटर एक ही पते से जुड़े,
4,132 वोटरों की तस्वीर अमान्य,
और 33,692 वोटर फॉर्म-6 का गलत उपयोग कर मतदाता सूची में शामिल किए गए।
बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट का उदाहरण देते हुए राहुल गांधी ने बताया कि कांग्रेस को पूरे क्षेत्र में 6,26,208 वोट मिले, जबकि BJP को 6,58,915। लेकिन सिर्फ महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस को 1,14,000 वोटों से हार मिली, जिसे उन्होंने “संगठित वोट चोरी” बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, “मोदी जी एक पतले बहुमत वाली सरकार चला रहे हैं। BJP को सत्ता में बने रहने के लिए सिर्फ 25 सीटें चुरानी थीं। उन्होंने वैसा ही किया। जिन 25 सीटों पर BJP जीती, वहां का अंतर 33,000 वोटों से भी कम था।”
राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि आज के चुनाव “कोरियोग्राफ किए जाते हैं”। उन्होंने कहा, “हर लोकतंत्र में सत्ता विरोधी लहर होती है, लेकिन BJP इस नियम से अछूती कैसे रह जाती है?”
उन्होंने चुनाव आयोग को संविधान और लोकतंत्र का रक्षक बताते हुए चेतावनी दी, “ECI की यह भूमिका संविधान और तिरंगे के खिलाफ अपराध के समान है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए अब न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना होगा।”
राहुल गांधी ने अंत में दो टूक कहा — “एक व्यक्ति, एक वोट हमारे संविधान की आत्मा है। अगर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी है, तो लोकतंत्र केवल दिखावा रह जाता है।”
इस प्रेस वार्ता के बाद अब नज़रें चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया और कांग्रेस की आगामी रणनीति पर टिकी हैं। चुनावी पारदर्शिता और लोकतांत्रिक संस्थानों की निष्पक्षता पर यह बहस और तेज़ हो सकती है।