इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
दिल्ली के तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र स्थित हरकेश नगर में 27 मई को नगर निगम (एमसीडी) द्वारा बड़े पैमाने पर अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया, जिसमें 100 से अधिक दुकानों और एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के दौरान स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि उन्हें पूर्व सूचना या समय नहीं दिया गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, एमसीडी की इस कार्रवाई में न केवल दुकानों को तोड़ा गया, बल्कि एक मंदिर को भी ध्वस्त कर दिया गया। पीड़ितों का कहना है कि मूर्तियों तक को नहीं छोड़ा गया।
कई दुकानदारों ने दावा किया कि उनके पास वैध लाइसेंस और वेंडिंग सर्टिफिकेट थे, इसके बावजूद उनकी दुकानों को बिना नोटिस के तोड़ दिया गया। एक दुकानदार ने बताया “मैं 1986 से दुकान चला रहा हूं, मेरे पास लाइसेंस है, फिर भी दुकान को ध्वस्त कर दिया गया।”
एमसीडी अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए की गई थी और सभी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया गया। हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई और उन्हें अपना सामान निकालने का भी समय नहीं मिला।
हरकेश नगर में एमसीडी की इस कार्रवाई ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश और असंतोष पैदा किया है। व्यापारियों और निवासियों का कहना है कि उन्हें बिना उचित प्रक्रिया के निशाना बनाया गया। इस घटना ने अतिक्रमण विरोधी अभियानों की पारदर्शिता और मानवीय दृष्टिकोण पर सवाल खड़े कर दिए हैं।