इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
हरिद्वार के गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पास 26 जून की देर रात एक युवक पर हमला किए जाने का मामला सामने आया है। घायल युवक की पहचान 22 वर्षीय मुईब के रूप में हुई है, जो हरिद्वार के ज्वालापुर क्षेत्र का निवासी है और इलेक्ट्रीशियन के रूप में कार्य करता है।
पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों के अनुसार, मुईब को रात के समय कुछ अज्ञात लोगों ने विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के समीप घेरकर पीटा। परिवार का दावा है कि हमला धार्मिक पहचान के आधार पर किया गया। हालांकि पुलिस ने अब तक इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं की है।
हमले के बाद मुईब को स्थानीय सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे प्रारंभिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। बाद में स्थिति बिगड़ने पर परिजनों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
परिवार ने कांखल थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। धारा 147, 323 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि अज्ञात हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच जारी है।
एक युवक को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, लेकिन कोई ठोस साक्ष्य न मिलने पर छोड़ दिया गया। अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
घटना पर जनाधिकार पार्टी और खुदाई खिदमतगार जैसे संगठनों ने प्रतिक्रिया दी है। जनाधिकार पार्टी की प्रतिनिधि हेमा भंडारी ने कहा “यह घटना संविधान के मूल अधिकारों पर सीधा हमला है। पुलिस को त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसे मामलों में निष्क्रियता बर्दाश्त नहीं की जा सकती।”
कांखल थाना प्रभारी ने मीडिया को बताया कि मामले की जांच प्राथमिकता पर की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज की जांच जारी है और आसपास के लोगों से पूछताछ की जा रही है
इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है कि क्या सार्वजनिक स्थानों पर किसी की सुरक्षा उसकी पहचान पर निर्भर हो गई है? प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और निष्पक्ष जांच ही पीड़ित परिवार को राहत दे सकती है।