इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
इमारते शरिया बिहार,ओडिशा और झारखंड समेत बिहार की विभिन्न मिल्ली तंजीमों और खानकाहों ने मुसलमानों से अपील की है कि वे 28 मार्च 2025 (जुमे के दिन) वक़्फ़ संशोधन बिल के खिलाफ काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण विरोध करें और अपनी नाराज़गी दर्ज कराएं।
सरकार के अड़ियल रवैये के खिलाफ विरोध जरूरी –इमारते शरीया
भारत सरकार द्वारा पेश किए गए विवादित वक़्फ़ संशोधन बिल को लेकर मुस्लिम संगठनों की आपत्तियों को नज़रअंदाज किया जा रहा है। दिल्ली के जंतर-मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद, पटना में भी बड़े स्तर पर धरना दिया गया, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ा है। इसी कड़ी में, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की सिफारिश पर जुमे को विरोध दर्ज करने का ऐलान किया गया है
इमारते शरिया के क़ायम मक़ाम नाज़िम मुफ्ती मोहम्मद सईद रहमान क़ासमी ने कहा, “वक़्फ़ संपत्तियों की हिफाज़त मुस्लिम समाज के लिए बेहद ज़रूरी है, लेकिन सरकार इसे कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है। हमें अपनी मिल्ली और दीनी पहचान की हिफाज़त के लिए एकजुट होकर आवाज़ उठानी होगी।”
विरोध में शामिल तंजीमें
इस विरोध प्रदर्शन की अपील इमारते शरिया समेत बिहार की कई बड़ी मिल्ली और दीनी तंजीमों ने की है, जिनमें इमारते शरिया बिहार, ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल, जमीयते उलमा-ए-बिहार, जमाते इस्लामी हिंद (हल्का बिहार),मुस्लिम मजलिस मुशावरत,खानकाह रहमानी मुंगेर,ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ्रेंस,खानकाह मुनीर शरीफ,खानकाह इमादिया मंगल तालाब,ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल बिहार, जमाते अहले हदीस, मजलिसे उलमा व खुतबा अहले तशीय्यू शामिल हैं
कैसे करें विरोध?
तमाम मुसलमानों से अपील की गई है कि वे जुमे के दिन काली पट्टी बांधकर वक़्फ़ संशोधन बिल के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध करें और सरकार को यह स्पष्ट संदेश दें कि मुस्लिम समाज अपने हक़ पर कोई समझौता नहीं करेगा। मस्जिदों के इमामों और खतीबों से भी गुजारिश की गई है कि वे ख़ुतबा-ए-जुमा में इस बिल के नुकसान पर चर्चा करें और लोगों को इसके खतरों से आगाह करें।
देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, बिहार के अलावा देश के अन्य राज्यों में भी इस बिल के खिलाफ बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई जा रही है। मुस्लिम संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर यह बिल वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
मुसलमानों से बढ़-चढ़कर शामिल होने की अपील
इमारते शरिया, मिल्ली तंजीमों और खानकाहों ने सभी मुसलमानों से अपील की है कि वे 28 मार्च 2025 को काली पट्टी बांधकर इस विरोध में शामिल हों और सरकार को यह संदेश दें कि मुसलमान वक़्फ़ संपत्तियों, दीनी पहचान और मिल्ली वकार पर कोई समझौता बर्दाश्त नहीं करेंगे।
यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ वक़्फ़ की हिफाज़त नहीं बल्कि मुस्लिम समाज की एकजुटता और जागरूकता का भी प्रतीक होगा, जिससे सरकार को यह एहसास होगा कि मुसलमान अपने हक़ की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाने को तैयार हैं।