इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अल्पसंख्यक विंग की राष्ट्रीय परिषद की अहम बैठक आज दिल्ली में आयोजित की गई, जिसमें पार्टी नेतृत्व ने मुसलमानों और फिलिस्तीन के पीड़ितों के साथ मज़बूती से खड़े होने का संदेश दिया। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और अल्पसंख्यक विंग के अध्यक्ष एडवोकेट सैयद जलालुद्दीन ने की।
इस मौके पर राकांपा के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश गोविंदराव आदिक ने कहा, “अजित दादा पवार का चेहरा धर्मनिरपेक्षता की पहचान है। अल्पसंख्यकों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। हमें उनके बीच जाकर भरोसे का माहौल बनाना होगा। वे संख्या में भले अल्पसंख्यक हों, लेकिन विचारों में बहुसंख्यक हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी अत्याचार और दमन के खिलाफ है और उत्पीड़ितों, ख़ासतौर पर फिलिस्तीनियों के साथ है।
एडवोकेट सैयद जलालुद्दीन ने बैठक में कहा कि महाराष्ट्र में उर्दू अकादमी का बजट 1 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ और मौलाना आज़ाद फंड का बजट 100 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ करने का काम उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने किया है, जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने वादा किया कि यदि पार्टी को पूरा अवसर मिला तो मुसलमानों को 5 प्रतिशत आरक्षण भी दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “राकांपा मुसलमानों और फिलिस्तीनियों के साथ पूरी ताकत से खड़ी है। हम केवल समस्याएं नहीं उठाएंगे, बल्कि उनके समाधान भी ढूंढ़ेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि अब धर्मनिरपेक्षता बनाम सांप्रदायिकता की बहस अप्रासंगिक हो चुकी है। उन्होंने कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा कि वो शिवसेना, जो कभी मुसलमानों से वोट देने का अधिकार छीनना चाहती थी, आज उसी के साथ गठबंधन में है।
कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार और राकांपा अल्पसंख्यक विंग के राष्ट्रीय महासचिव मुमताज आलम रिज़वी ने किया। इस मौके पर नूर-उन-नबी खान, रूही सलीम, जावेद हबीब, धनंजय शर्मा समेत देशभर से आए कई नेताओं ने भाग लिया और संगठन को मज़बूत करने का संकल्प लिया।
यह बैठक न सिर्फ़ अल्पसंख्यकों के मन में भरोसा जगाने की कोशिश थी, बल्कि पार्टी के धर्मनिरपेक्ष एजेंडे को मज़बूत करने का भी प्रयास रही।