
पटना (इंसाफ़ टाइम्स डेस्क) 2025 बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज़ होती जा रही है,पिछले दिनों ही लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बिहार में संविधान सुरक्षा सम्मेलन कर और लालू प्रसाद ने राजद राष्ट्रीय कार्यकारणी की मीटिंग कर हलचल को और बढ़ा दिया है
बिहार की इस राजनीतिक हलचल के बीच जहां नीतीश कुमार के दुबारा पलटी मारने की आशंकाओं को भी लेकर बहस हो रही है तो वहीं एनडीए के कई छोटे दल भी गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं
एनडीए गठबंधन में शामिल लोकजनशक्ति पार्टी को एनडीए की मीटिंगों में बुलाया जाना बंद कर दिया गया तो लोजपा नेता पशुपति कुमार पारस ने मकरसंक्रांति पर लालू प्रसाद यादव को अपने ऑफिस बुला लिया और लालू यादव ने भी उनका चूरा खा कर गठबंधन का इशारा दे दिया
पशुपति पारस के बाद उनके भतीजे और लोजपा रामविलास के चीफ़ चिराग़ पासवान ने भी बीपीएससी मुद्दे में प्रशांत किशोर के आंदोलन को व बीपीएससी परीक्षा में गड़बड़ी की सूचना को सही बता कर डायरेक्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कटघरे में खड़ा कर दिया और इस के ज़रिए गठबंधन पर दबाव बनाते नज़र आए हैं
एनडीए गठबंधन के इन मतभेदों के बीच ही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के चीफ़ सह पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी ये कह कर हंगामा खड़ा कर दिया है कि वो बिहार में अपनी औकात दिखा देंगे, जीतन राम मांझी ने कहा कि “झारखंड व दिल्ली में सबको औकात के हिसाब से सीट दिया गया और ये समझा गया कि मांझी की वहां कोई औकात नहीं है,तो हम बिहार में अपनी औकात दिखाएंगे”, जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने गठबंधन में 40 सीट लड़ने का इशारा दिया है और कम से कम 20 सीटों पर लड़ने की बात कही है