इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बिहार कैबिनेट की बैठक में राज्य के विकास और जनकल्याण से जुड़े 25 अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक में लिए गए फैसले सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक विस्तार, ग्रामीण अवसंरचना और प्रशासनिक सुधार को नया आयाम देंगे।
राज्य के छह प्रमुख शहरों — पटना, गया, छपरा, सहरसा, भागलपुर और बेगूसराय — में एलपीजी आधारित शवदाह-गृह बनाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए इशा फाउंडेशन, कोयंबटूर को प्रत्येक शहर में एक-एक एकड़ भूमि 33 साल की लीज पर मात्र ₹1 टोकन राशि पर दी जाएगी। इन शवदाह-गृहों के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी भी फाउंडेशन को सौंपी जाएगी।
कैबिनेट ने राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाए।
मुंगेर जिले में औद्योगिक क्षेत्र विस्तार के लिए 466.49 एकड़ भूमि अधिग्रहण हेतु 124.62 करोड़ रुपये स्वीकृत।
पटना में जीविका मुख्यालय भवन के निर्माण के लिए 73.66 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति।
नगर निकायों के बकाया बिजली बिल चुकाने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 400 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।
ग्रामीण बिहार में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए कैबिनेट ने कई योजनाओं पर सहमति दी।
मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के तहत 100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना के तहत राज्य की सभी 8,053 ग्राम पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से विवाह मंडप निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
लोक नीति निर्माण और क्रियान्वयन में नई ऊर्जा लाने के लिए मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना को मंजूरी मिली।
इस योजना के तहत 121 फेलोज का चयन किया जाएगा।
दो वर्षों के लिए योजना पर 31.50 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।
विशेषज्ञों और युवाओं की भागीदारी से शासन-प्रशासन में नई सोच और कार्यकुशलता लाने का उद्देश्य रखा गया है।
राज्य में पुलिस व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत बनाने के लिए भी अहम फैसले लिए गए।
176 नए थानों में CCTV कैमरे लगाने हेतु 280.60 करोड़ रुपये स्वीकृत।
पशु एवं मत्स्य संसाधन सेवा भर्ती संशोधन नियमावली 2025 और गन्ना उद्योग विभाग की नई संवर्ग नियमावली 2025 को मंजूरी दी गई।
नगर पालिका कर निर्धारण और संग्रहण नियमावली में संशोधन कर कर प्रणाली को अधिक पारदर्शी और युक्तिसंगत बनाने का फैसला हुआ।
नीतीश सरकार ने इन फैसलों को विकास और जनकल्याण की दिशा में उठाए गए ठोस कदम बताया है। ग्रामीण स्तर से लेकर शहरी आधारभूत ढांचे, महिला कल्याण और औद्योगिक निवेश तक, कैबिनेट के निर्णयों को व्यापक दृष्टि से देखा जा रहा है। सरकार का कहना है कि इन योजनाओं के लागू होने से बिहार में रोजगार सृजन, निवेश आकर्षण, सामाजिक सुरक्षा और बेहतर प्रशासन को गति मिलेगी।