इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दोपहिया वाहनों पर टोल टैक्स लगाने संबंधी मीडिया रिपोर्टों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है और इस संबंध में फैलाई जा रही खबरें पूरी तरह से भ्रामक और निराधार हैं।
गडकरी ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “दोपहिया वाहनों पर टोल लगाए जाने की खबरें पूरी तरह से गलत हैं। सरकार का ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।”
गडकरी की यह सफाई ऐसे समय आई है जब बीते कुछ दिनों से यह चर्चा जोरों पर थी कि 15 जुलाई से देशभर में दोपहिया वाहनों के लिए भी FASTag अनिवार्य किया जा सकता है और उनसे टोल वसूला जाएगा। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि FASTag न होने पर ₹2,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
गडकरी ने बताया कि सरकार FASTag आधारित डिजिटल टोल प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए कई नए कदम उठा रही है। हाल ही में एक वार्षिक FASTag पास योजना की घोषणा की गई है, जिसके अंतर्गत निजी कार, जीप और वैन मालिक ₹3,000 में सालभर में 200 यात्राओं तक टोल मुक्त लाभ उठा सकेंगे।
इस योजना का उद्देश्य यात्रियों को राहत देने के साथ-साथ टोल वसूली को पारदर्शी और आसान बनाना है। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में GNSS आधारित टोल प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे बैरियर-लेस टोल भुगतान संभव हो सकेगा।
गडकरी ने दोहराया कि दोपहिया वाहन पहले भी टोल टैक्स से मुक्त थे और आगे भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि इन वाहनों से टोल वसूलने का न कोई तर्क है, न कोई योजना।
“हमारा उद्देश्य लोगों को सुविधा देना है, न कि भ्रमित करना। सरकार की प्राथमिकता है कि पहले सड़कें बेहतर बनें, फिर टोल लिया जाए।”
इस बयान से दोपहिया वाहन चालकों को बड़ी राहत मिली है। जहां एक ओर अफवाहें आम लोगों में भ्रम पैदा कर रही थीं, वहीं गडकरी के इस स्पष्ट वक्तव्य ने स्थिति को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है। अब यह साफ हो गया है कि बाइक और स्कूटर जैसे हल्के वाहनों से कोई टोल वसूली नहीं की जाएगी और FASTag केवल निजी चारपहिया वाहनों तक सीमित रहेगा।