इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
वक्फ संशोधन अधिनियम 2023 को लेकर देश में सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इसी क्रम में मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दोनों नेताओं ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर इस कानून को मुस्लिम समुदाय के खिलाफ और उनके धार्मिक अधिकारों का हनन बताया है।
मजलिस सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी याचिका में कहा है कि वक्फ संपत्तियों पर मुस्लिम समुदाय का धार्मिक और संवैधानिक अधिकार है, जिसे अनुच्छेद 26 के तहत सुरक्षा प्राप्त है। उन्होंने आरोप लगाया कि संशोधित कानून मुस्लिमों को उनके धार्मिक मामलों के स्वतंत्र संचालन से वंचित करता है, जो संविधान का उल्लंघन है।
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि यह अधिनियम मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव करता है और उनके मौलिक अधिकारों का हनन करता है। उन्होंने अदालत से अपील की है कि वह इस कानून की संवैधानिक वैधता की जांच करे और इसे रद्द करे।
इससे पहले संसद में भी इस बिल को लेकर AIMIM, कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके जैसी पार्टियों ने जोरदार विरोध जताया था। वहीं, सरकार का दावा है कि यह कानून पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है।