इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
असम पुलिस ने गुरुवार को ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायक अमीनुल इस्लाम को एक विवादित बयान के चलते गिरफ्तार कर लिया। ढिंग से विधायक इस्लाम ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले को केंद्र सरकार की “साज़िश” बताया था, जिस पर राज्य की सियासत में भूचाल आ गया।
बयान के बाद जहां भाजपा और असम सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी, वहीं AIUDF नेतृत्व ने अमीनुल इस्लाम के बयान से खुद को अलग कर लिया। पार्टी प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने स्पष्ट किया कि यह बयान पार्टी लाइन का हिस्सा नहीं है और ऐसे विचारों से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं۔
इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को ही चेतावनी दी थी कि “अगर कोई भी असम की ज़मीन से पाकिस्तान का समर्थन करेगा, चाहे वह कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।” मुख्यमंत्री के इस बयान के 24 घंटे के भीतर अमीनुल इस्लाम की गिरफ्तारी हुई।
गौरतलब है कि 23 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 जवान शहीद हुए थे, जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश की लहर है۔ इस हमले के बाद विपक्षी दलों ने भी सरकार से जवाब मांगा कि आखिर इंटेलिजेंस एजेंसियां और सुरक्षा बल कहाँ चूक गए।
विधायक इस्लाम के बयान को राष्ट्र विरोधी करार देते हुए उनके खिलाफ देशद्रोह और भड़काऊ भाषण की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि बयान के सार्वजनिक हो जाने के बाद राज्य में शांति-व्यवस्था को खतरा पैदा हो सकता था।
इस प्रकरण ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि आतंकवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों पर गैर-जिम्मेदाराना बयानों की कोई जगह नहीं है। साथ ही, यह घटना राजनीतिक दलों के लिए एक चेतावनी भी है कि व्यक्तिगत बयान किस तरह पूरी पार्टी की छवि पर असर डाल सकते हैं।