इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार में मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU) के एलुमनाई नेटवर्क को मज़बूत करने की एक अहम पहल के तहत, विश्वविद्यालय के इंस्ट्रक्शनल मीडिया सेंटर (IMC) के प्रोड्यूसर और एलुमनाई एसोसिएशन के उपाध्यक्ष मोहम्मद आमिर बदर ने पटना स्थित इंसाफ़ टाइम्स के दफ़्तर में पूर्व छात्रों से ख़ास मुलाक़ात की। इस बैठक का मक़सद बिहार में एलुमनाई नेटवर्क को मज़बूत करना और विश्वविद्यालय व पूर्व छात्रों के बीच रिश्तों को और मज़बूत बनाना था।
इस मौके पर कई प्रमुख एलुमनाई शामिल हुए, जो बिहार के सरकारी और निजी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभा रहे हैं। मुख्य मेहमानों में इफ्तिख़ार आलम (बैच 2008-11), जो प्रेस इंफ़ॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) पटना, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार में सूचना अधिकारी हैं, और शारिक़ (बैच 2009-11), जो बिहार सरकार में शिक्षक के रूप में सेवाएँ दे रहे हैं, मौजूद थे।
अन्य उल्लेखनीय प्रतिभागियों में इंसाफ़ टाइम्स के प्रधान संपादक सैफ़ुर रहमान, मानू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद फ़ैज़ान, इमरान अहमद, अक़मल हुदा और इंसाफ़ टाइम्स के वीडियो हेड महताब आलम शामिल थे। सभी एलुमनाई ने MANUU और एलुमनाई बिरादरी के लिए काम करने का संकल्प लिया और छात्रों की राहनुमाई के साथ-साथ एक सक्रिय और सहयोगी नेटवर्क के निर्माण पर ज़ोर दिया।
इस अवसर पर मोहम्मद आमिर बदर ने कहा “माननीय वाइस चांसलर प्रोफ़ेसर सैयद ऐनुल हसन और रजिस्ट्रार प्रोफ़ेसर शेख़ इश्तियाक़ अहमद एलुमनाई नेटवर्क को मज़बूत करने में बेहद सक्रिय और सहायक भूमिका निभा रहे हैं। विश्वविद्यालय में एलुमनाई एसोसिएशन की औपचारिक स्थापना दरअसल वाइस चांसलर की कोशिशों का नतीजा है, जिसने एलुमनाई संबंधों को संगठित और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल की है।”
इंसाफ़ टाइम्स के प्रधान संपादक सैफ़ुर रहमान ने बताया कि “पिछले दो साल से बिहार के अलग-अलग ज़िलों में मानू के साथियों की लगातार बैठकें होती रही हैं। इसी दौरान मानू एलुमनाई फ्रेटरनिटी के तहत कैरियर काउंसलिंग अभियान भी चलाया गया था और अब इस प्रयास को औपचारिक संगठनात्मक रूप दिया जा रहा है।”
मानू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद फ़ैज़ान ने कहा “मानू एलुमनाई फ्रेटरनिटी ने एक विस्तृत नीति दस्तावेज़ तैयार किया है जिसमें मानू के सभी केंद्रों के विकास, उर्दू समुदाय में विश्वविद्यालय की पहचान, विश्वविद्यालय से जुड़े मुद्दों – ख़ासकर दरभंगा कैंपस की समस्याओं – और सरकारों से सहयोग जैसे बिंदु शामिल हैं। इसके अलावा उर्दू समाज में शैक्षिक जागरूकता और मार्गदर्शन के लिए एक स्पष्ट रोडमैप भी तैयार किया गया है।”
बैठक में आगे के कई क़दमों पर चर्चा हुई, जिनमें छात्रों के लिए मेंटॉरशिप प्रोग्राम, साझा प्रोजेक्ट्स और ज्ञान व अनुभव के आदान-प्रदान के प्लेटफ़ॉर्म स्थापित करना शामिल था। चूंकि बिहार में हज़ारों एलुमनाई अलग-अलग क्षेत्रों में सक्रिय हैं, इस मुलाक़ात ने एक मज़बूत और संगठित एलुमनाई बिरादरी की नींव रखी, जो विश्वविद्यालय के मिशन और उद्देश्यों में अहम योगदान दे सकेगी।
यह पहल सहयोग, ज्ञान-साझेदारी और आपसी मदद के नए अवसर खोलेगी, जिससे न केवल छात्र बल्कि एलुमनाई समुदाय भी बराबर फ़ायदा उठाएगा। जैसे-जैसे MANUU अपने एलुमनाई नेटवर्क का विस्तार कर रहा है, इस तरह की मुलाक़ातें विश्वविद्यालय और उसकी बिरादरी के उज्ज्वल भविष्य की ओर मील का पत्थर साबित होंगी।