हैदराबाद के तीनों विश्वविद्यालयों MANUU, HCU और EFLU में वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन

इंसाफ टाइम्स डेस्क

हैदराबाद के प्रमुख विश्वविद्यालयों मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU), हैदराबाद यूनिवर्सिटी (HCU) और इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेज यूनिवर्सिटी (EFLU) में सोमवार और गुरुवार को वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ ज़बरदस्त छात्र प्रदर्शन देखने को मिला। यह विरोध प्रदर्शन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के राष्ट्रव्यापी आह्वान के तहत आयोजित किए गए, जिनमें छात्रों ने इस अधिनियम को “मुस्लिम विरोधी” और “भेदभावपूर्ण” बताया।

MANUU: वक्फ की स्वायत्तता पर हमला – SIO अध्यक्ष

MANUU में आज़ाद यूनाइटेड स्टूडेंट्स फेडरेशन (AUSF), फ्रेटरनिटी मूवमेंट, स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइज़ेशन (SIO), और गर्ल्स इस्लामिक ऑर्गेनाइज़ेशन (GIO) के साझा नेतृत्व में सैकड़ों छात्रों ने कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया। SIO MANUU के अध्यक्ष और पीएचडी स्कॉलर शेख मुदस्सिर ने कहा “हम वक्फ संशोधन अधिनियम को पूरी तरह खारिज करते हैं। यह मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और चैरिटेबल संस्थाओं पर राज्य प्रायोजित हमला है। यह अधिनियम वक्फ की स्वायत्तता को खत्म करके मुस्लिम विरासत को निशाना बना रहा है।”

HCU: विधेयक की प्रतिलिपि जलाई गई

हैदराबाद विश्वविद्यालय (HCU) में AIOBCSA, AISA, ASA, BSF, DSU, फ्रेटरनिटी, JAKSA, MSF, NSUI, PDSU, SIO और TSF जैसे छात्र संगठनों के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान छात्रों ने अधिनियम की प्रतिलिपि को आग के हवाले कर अपना विरोध दर्ज कराया। छात्रों ने इसे मुस्लिम अल्पसंख्यकों के धार्मिक अधिकारों पर हमला बताया और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।

EFLU: सागर स्क्वायर से निकाली गई विरोध रैली

EFLU में फ्रेटरनिटी मूवमेंट, MSF, NSUI, PRC, SFI, SIO और TSF सहित कई संगठनों ने मिलकर विरोध मार्च, सभा और अधिनियम की प्रति जलाने का आयोजन किया। सागर स्क्वायर से शुरू हुई रैली में छात्रों की बड़ी भागीदारी देखी गई। वक्ताओं में वाहीद चुल्लीपारा (SIO), फैयज अबूबकर (MSF), रिया (SFI), इब्राहीम (दिशा), मुनिलाल (TSF) और शाहीन अहमद (फ्रेटरनिटी) शामिल रहे। उन्होंने सरकार से अधिनियम को तुरंत वापस लेने की मांग की।

छात्रों का संदेश: मुस्लिम विरासत से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं

तीनों विश्वविद्यालयों में छात्रों ने एक सुर में कहा कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और मुसलमानों की धार्मिक आज़ादी पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। AIMPLB की अगुवाई में चल रहे इस राष्ट्रव्यापी अभियान को छात्रों से ज़बरदस्त समर्थन मिल रहा है, और आने वाले दिनों में विरोध और तेज़ होने की संभावना है।

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