इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
देश की मौजूदा स्थिति और अल्पसंख्यकों को पेश आ रही चुनौतियों के बीच कांग्रेस सांसद व विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने खानकाह रहमानी, मुंगेर में अमीर-ए-शरीयत मौलाना अहमद वली फ़ैसल रहमानी से विशेष मुलाक़ात की। यह बैठक क़रीब एक घंटे चली, जिसमें विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के कई नेता मौजूद थे।
बैठक में भाकपा (माले) नेता दीपांकर भट्टाचार्य, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी और कृष्णा अल्लावरु भी शामिल हुए। वहीं, ईमारत-ए-शरीआ,जमीअत उलमा, जमात-ए-इस्लामी, जमीअत अहले हदीस, जामिया रहमानी और कई अन्य धार्मिक-सामाजिक संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद रहे।
बैठक के दौरान चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता, वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा, वक़्फ़ संशोधन क़ानून 2025 के खिलाफ संघर्ष और बिहार में मतदाता सूची से मुस्लिम वोटरों के नाम काटे जाने जैसी समस्याओं पर गंभीर चर्चा हुई। राहुल गांधी से सीधा सवाल भी किया गया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में “वोट चोरी के पांच रास्तों” को कैसे रोका जाएगा। उन्होंने जवाब दिया कि इस दिशा में पार्टी पूरी मजबूती से काम कर रही है।
अमीर-ए-शरीयत मौलाना अहमद वली फ़ैसल रहमानी ने कहा “देश का माहौल शांतिपूर्ण, न्यायपूर्ण और संवैधानिक मूल्यों पर आधारित बनाना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। अगर नेतृत्व अल्पसंख्यकों की समस्याओं को गंभीरता से समझे और उनके हल के लिए संकल्प ले, तो हर नागरिक सुरक्षित महसूस करेगा।”
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने भरोसा दिलाया कि वे संविधान, सामाजिक सद्भाव, अल्पसंख्यकों के अधिकारों और वक़्फ़ संपत्तियों की हिफ़ाज़त के लिए हर स्तर पर आवाज़ उठाते रहेंगे।
ग़ौरतलब है कि खानकाह रहमानी, मुंगेर को 1901 में मौलाना मोहम्मद अली मुंगेरी ने स्थापित किया था। यह न सिर्फ़ एक रूहानी केंद्र रहा है बल्कि शिक्षा, समाज सुधार और मुस्लिम नेतृत्व का अहम मंच भी रहा है। मौजूदा सजादा नशीन मौलाना अहमद वली फ़ैसल रहमानी इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आज भी धार्मिक, शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय नेतृत्व प्रदान कर रहे हैं।
यह मुलाक़ात देश में सद्भाव, समानता और सामाजिक न्याय की दिशा में एक सकारात्मक पहल मानी जा रही है।