इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
महागठबंधन की ओर से प्रस्तावित ‘वोट अधिकार यात्रा’ की शुरुआत अब 17 अगस्त से की जाएगी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव इस यात्रा की अगुवाई करेंगे। पहले यह यात्रा 10 अगस्त से शुरू होने वाली थी, लेकिन झारखंड के वरिष्ठ नेता शिबू सोरेन के निधन और स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों को देखते हुए इसकी तारीख़ एक सप्ताह आगे बढ़ा दी गई है।
महागठबंधन नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यात्रा स्थगित नहीं हुई है, बल्कि नई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए इसकी तिथि बदली गई है। यात्रा की शुरुआत बिहार के सासाराम ज़िले से होगी और पहले चरण में गया, औरंगाबाद, नवादा, अरवल, रोहतास, कैमूर और जहानाबाद जैसे ज़िलों को कवर किया जाएगा। दूसरे चरण में उत्तर बिहार के ज़िलों में यात्रा जारी रहेगी।
कांग्रेस और राजद नेताओं का कहना है कि यह यात्रा मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए है। उनका आरोप है कि चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) के नाम पर लाखों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया को चोट पहुंची है।
तेजस्वी यादव ने बयान में कहा, “यह यात्रा लोकतंत्र बचाने की लड़ाई है। हम हर गाँव, हर पंचायत तक जाएंगे और जनता को बताएंगे कि किस तरह उनके मताधिकार से उन्हें वंचित किया जा रहा है।”
राहुल गांधी ने इससे पहले कहा था कि उनके पास “एटम बम जैसे प्रमाण” हैं, जो यह सिद्ध करेंगे कि मतदाता सूची की प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं हुई हैं।
भाजपा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि ये सारी बातें जनता को भ्रमित करने और चुनावी हार से बचने के प्रयास हैं। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष है।
बताया जा रहा है कि यात्रा का समापन पटना में एक विशाल जनसभा के साथ किया जाएगा, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता भी भाग लेंगे।
महागठबंधन की यह यात्रा आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तौर पर बेहद अहम मानी जा रही है।