इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में आज राजधानी पटना में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सरकारी नौकरियों में 65% आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने किया, जिसमें बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
तेजस्वी यादव का आरोप: ‘आरक्षण चोर’ है एनडीए सरकार
धरना स्थल पर तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार द्वारा बढ़ाए गए 16% आरक्षण को लागू नहीं किया गया, जिससे अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लाखों युवाओं को नौकरियों से वंचित होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के तीसरे चरण में भी आरक्षण लागू नहीं होने से इन वर्गों के हजारों अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ है।
‘हमारी लड़ाई जारी रहेगी’
तेजस्वी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि RJD हमेशा से गरीब, शोषित, दलितों, पिछड़ों की आवाज उठाती रही है और आगे भी उठाती रहेगी। उन्होंने विश्वास दिलाया कि आरक्षण के मुद्दे पर पार्टी सड़क से संसद तक संघर्ष करेगी और किसी भी कीमत पर आरक्षण को खत्म नहीं होने देगी।
चुनावी रणनीति के तहत आरक्षण का मुद्दा
विश्लेषकों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए RJD ने आरक्षण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है, ताकि पिछड़े और दलित वर्ग के मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया जा सके। इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह इन वर्गों के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध है।
इस प्रदर्शन के बाद बिहार की राजनीति में आरक्षण का मुद्दा और गरमा सकता है, जिससे आगामी चुनावी समीकरणों पर भी असर पड़ने की संभावना है।