इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने विवादित हिंदुत्व पुजारी यति नरसिंहानंद के हालिया भड़काऊ बयानों की कड़ी निंदा की है। एसडीपीआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बी.एम. कांबले ने एक प्रेस बयान में कहा कि नरसिंहानंद के इस्लामोफोबिक और कट्टरपंथी विचार भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और राष्ट्रीय एकता के लिए खतरा हैं।
यह प्रतिक्रिया उस वायरल वीडियो के बाद आई है, जिसमें यति नरसिंहानंद ने हिंदुओं से “हथियार उठाने” और ISIS जैसी सशस्त्र संगठनों के निर्माण की अपील की थी। गाजियाबाद के दासना मंदिर से जारी किए गए इस वीडियो में नरसिंहानंद ने कहा कि “जब तक हिंदू हथियार नहीं उठाएंगे, वे जीवित नहीं रह पाएंगे।” उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर हथियार खरीदने पर चर्चा करेंगे।
नफ़रत भड़काने पर सरकार की चुप्पी और पुलिस की निष्क्रियता
बी.एम. कांबले ने कहा “यति नरसिंहानंद की खुली आतंकवादी मानसिकता और मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलने की प्रवृत्ति बेहद निंदनीय है। इसके बावजूद, यूपी पुलिस और सरकार उसे बचाने में लगी है, जो गंभीर सवाल खड़े करता है।”
एसडीपीआई ने उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे नफ़रत भड़काने वाले मामलों में दोहरा मापदंड अपना रहे हैं। नरसिंहानंद के खिलाफ मुसलमानों के नरसंहार को बढ़ावा देने सहित कई मामले दर्ज हैं, लेकिन अब तक उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
तुरंत गिरफ्तारी और न्यायिक हस्तक्षेप की मांग
एसडीपीआई ने सरकार से मांग की है कि:
-यति नरसिंहानंद को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उसके आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले बयानों की गहन जांच की जाए!
-यूपी पुलिस से जवाब मांगा जाए कि वह अन्य नफरत भरे भाषणों के लंबित मामलों में देरी क्यों कर रही है।
-सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग इस मामले का स्वतः संज्ञान लें ताकि देश में सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
बी.एम. कांबले ने कहा कि भारत इस ज़हरीली बयानबाजी को सामान्य बनाने का जोखिम नहीं उठा सकता और ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किया जाना बेहद जरूरी है।