इंसाफ़ टाइम्स डेस्क
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय ‘सदाकत आश्रम’ में आज एक महत्वपूर्ण सेमिनार सह स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम कांग्रेस पार्टी की ओर से नवनियुक्त अति पिछड़ा सेल के प्रदेश अध्यक्ष श्री शशि भूषण पंडित के सम्मान में आयोजित किया गया, लेकिन इसका महत्व महज एक स्वागत तक सीमित नहीं रहा। यह आयोजन बिहार की राजनीतिक फिजा में सामाजिक न्याय की नई गूंज के रूप में उभरा।
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में आमजन, बुद्धिजीवी, राजनीतिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। ग्रामीण क्षेत्रों से आए सैकड़ों लोगों की मौजूदगी ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब अति पिछड़ा समाज सिर्फ संख्या में नहीं, बल्कि नेतृत्व में भी अपनी हिस्सेदारी का दावा कर रहा है।
पूरे समारोह के दौरान “जय सामाजिक न्याय”, “जय अति पिछड़ा समाज” और “जय कांग्रेस” जैसे नारों से वातावरण लगातार गूंजता रहा, जिससे कार्यक्रम एक जनआंदोलन की शक्ल लेता नज़र आया।
इस मौके पर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के ओबीसी डिपार्टमेंट के चेयरमैन अनिल जे हिंद, बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश कुमार, बीपीएससी के पूर्व सदस्य और पटना विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. शिव जतन ठाकुर, पूर्व सांसद और पसमांदा मुस्लिम मोर्चा के संस्थापक अली अनवर अंसारी, पटना विश्वविद्यालय के प्रो. कामेश्वर पंडित और बहुजन सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता विजय कुमार चौधरी समेत कई अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया।
इसके अलावा अति पिछड़े समुदाय से आने वाले कई जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी अपनी बातें रखीं। इनमें प्रमुख नाम रहे — अजय कानू, ओम प्रकाश महतो, डॉ. राम नरेश पंडित, डॉ. केपी सिंह चंद्रवंशी, ललन भक्त मालाकार, पिंटू शर्मा, अमाशंकर साहनी, सुरेश मुखिया बंधु आदि।
अपने उत्साहजनक और भावनात्मक भाषण में शशि भूषण पंडित ने कहा “यह सिर्फ एक स्वागत समारोह नहीं है, बल्कि अति पिछड़ा समाज की राजनीतिक हिस्सेदारी के एक नए युग की शुरुआत है। अब हम सिर्फ वोटर नहीं, लीडर भी बनेंगे।”
उन्होंने आगे कहा “मैं हर नीति, हर मंच और हर संघर्ष में आपकी आवाज़ बनकर खड़ा रहूंगा। आप सभी का यह प्यार और भरोसा मेरी सबसे बड़ी ताकत है।”
कार्यक्रम का संचालन उदय चंद्रवंशी और अमित कुमार सुमन ने कुशलतापूर्वक किया।
यह समारोह महज एक औपचारिक आयोजन नहीं था, बल्कि एक राजनीतिक प्रतीक था — इस स्पष्ट संदेश के साथ कि अति पिछड़ा समाज अब हाशिए पर नहीं, बल्कि नेतृत्व में अपना हक चाहता है। कांग्रेस पार्टी ने इस कार्यक्रम के जरिए यह संकेत दिया है कि वह सामाजिक न्याय के एजेंडे के साथ एक नए राजनीतिक सफर पर आगे बढ़ चुकी है।