
इंसाफ टाइम्स डेस्क
बिहार के नालंदा जिले में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा को लेकर एक नई पहल शुरू की गई है, जिसे ‘शेरनी दल’ का नाम दिया गया है। यह विशेष दल अब जिले के सभी प्रमुख चौक-चौराहों, स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग संस्थानों और बाजारों में तैनात रहेगा, ताकि महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाली किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
*मनचलों पर नकेल कसने का लक्ष्य
नालंदा के पुलिस अधीक्षक भारत सोनी द्वारा निर्देशित इस पहल का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ होने वाली छेड़छाड़, उत्पीड़न और बदसलूकी जैसी घटनाओं को रोकना है। शेरनी दल उन स्थानों पर सक्रिय रहेगा, जहां अक्सर मनचलों द्वारा ऐसी घटनाओं की शिकायतें मिल रही हैं।
*महिलाओं के लिए हेल्पलाइन सेवा
इस पहल के तहत एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है, ताकि महिलाएं और लड़कियां किसी भी समय त्वरित सुरक्षा प्राप्त कर सकें। साथ ही, शेरनी दल के सदस्य लोगों को महिला सुरक्षा से संबंधित जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगे।
*अपराध पर नकेल और महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा
भारत सोनी ने इस पहल के बारे में कहा, “शेरनी दल के गठन से महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी आएगी और उन्हें सुरक्षा का बेहतर अनुभव होगा। यह पहल पुलिस और समुदाय के बीच बेहतर संबंध बनाने में भी मदद करेगी।” उन्होंने कहा कि यह कदम महिलाओं की सुरक्षा को और मजबूत करेगा, जिससे वे समाज में अपने अधिकारों को लेकर आत्मविश्वास महसूस करेंगी।
*महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता
इस पहल का एक बड़ा उद्देश्य यह भी है कि न केवल अपराधों पर नियंत्रण पाया जाए, बल्कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की घटनाओं में भी कमी आए। शेरनी दल के सदस्य अब सार्वजनिक स्थलों पर अपनी उपस्थिति से मनचलों पर अंकुश लगाएंगे और जरूरत पड़ने पर कड़ी कार्रवाई भी करेंगे।
नालंदा पुलिस का यह कदम महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जो समाज में सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।