वीर सावरकर पर बयान को लेकर कांग्रेस नेता उदित राज ने प्रधानमंत्री मोदी पर साधा निशाना, पूछा- ‘आखिर वो किस बात के बहादुर थे?

इंसाफ़ टाइम्स डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे के दौरान वीर सावरकर को साहसी बताए जाने पर राजनीतिक बहस छिड़ गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उदित राज ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सवाल उठाए हैं।

उदित राज ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान वीर सावरकर के मार्सिले (फ्रांस) से जुड़े एक प्रसंग का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “जब अंग्रेजों ने वीर सावरकर को पकड़ा था, तो जिस जहाज से वे आ रहे थे, वह मार्सिले में रुका था। वहां से वे भागने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें फिर से पकड़ लिया गया। अब सवाल यह है कि प्रधानमंत्री ने फ्रांस के दौरे के दौरान उनका जिक्र क्यों किया? क्या वे बहादुर थे? आखिर आप बहादुर ही किस बात के थे, जब आप जेल से भागने की कोशिश कर रहे थे।”

‘दूसरे स्वतंत्रता सेनानियों ने खुशी-खुशी जेल स्वीकार की’: उदित राज
उदित राज ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के अन्य सेनानियों ने खुशी-खुशी जेल जाना स्वीकार किया, लेकिन कभी भागने की कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा, “कई स्वतंत्रता सेनानियों ने फांसी तक को गले लगाया, लेकिन प्रधानमंत्री ने कभी उनका नाम नहीं लिया। आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं कि जो सलाखों से भागते थे, वे नायक हैं?”

‘वीर सावरकर ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन का समर्थन नहीं किया’:
कांग्रेस नेता ने वीर सावरकर पर आरोप लगाते हुए कहा कि 1942 में जब भारत छोड़ो आंदोलन चल रहा था, उस दौरान सावरकर अंग्रेजों के लिए काम कर रहे थे। उन्होंने दावा किया, “सावरकर ने अंग्रेजों की सेना में लाखों भारतीयों की भर्ती में मदद की और इसके लिए कैंप तक लगाए। इसके अलावा, उन्होंने संविधान का विरोध किया और मनुस्मृति का समर्थन किया। ऐसे में प्रधानमंत्री किस आधार पर उन्हें नायक के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं?”

प्रधानमंत्री ने मार्सिले में सावरकर की बहादुरी का जिक्र किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के मार्सिले में वीर सावरकर का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था, “भारत की स्वतंत्रता की खोज में इस शहर का विशेष महत्व है। यहीं पर वीर सावरकर ने साहसपूर्वक बचने का प्रयास किया था। उनकी बहादुरी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।”

कांग्रेस का आरोप: स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान
उदित राज ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, “आप ऐसे व्यक्ति का जिक्र करके उन स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान कर रहे हैं, जिन्होंने अपनी जान तक न्योछावर कर दी। वीर सावरकर का नाम लेकर प्रधानमंत्री असल नायकों की कुर्बानियों को कमतर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।”

प्रधानमंत्री के बयान के बाद सावरकर के प्रति राजनीतिक बहस एक बार फिर गर्म हो गई है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास कर रहे हैं।

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